लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो ने पुनः प्रमोद कुमार सिंह को अपने पुराने घर में कराई वापसी

लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो ने पुनः प्रमोद कुमार सिंह को अपने पुराने घर में कराई वापसी

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद : (बिहार) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय, चिराग पासवान ने अपनी पुरी टीम के साथ शुक्रवार दिनांक 26 अगस्त 2022 को पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम अनुसार औरंगाबाद पहुंचकर रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के सन् 2015 में पूर्व लोजपा प्रत्याशी व सन् 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी रह चुके, प्रमोद कुमार सिंह को अपने पुराने घर में सदस्यता दिलाते हुए वापसी करा दी. 

इस अवसर पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सुप्रीमो, माननीय चिराग पासवान के साथ पटना से ही टीम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, राजू तिवारी, चिकित्सा प्रकोष्ठ, प्रदेश अध्यक्ष, अजय कुमार, प्रधान महासचिव, संजय पासवान, पार्टी प्रवक्ता, अशरफ अंसारी भी शामिल थे. यह कार्यक्रम मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर अंबा मेन रोड में बिजौली मोड़ के समीप बनी एक चर्चित होटल में रखा गया था. 

इस कार्यक्रम में जब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद माननीय, चिराग पासवान पटना से चलकर औरंगाबाद आ रहे थे, तो सर्वप्रथम पार्टी के नेताओं ने ठाकुर बिगहा बार्डर पर स्वागत किया. इसके बाद दाउदनगर, ओबरा बाजार में भी भव्य स्वागत किया गया. 

इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय, चिराग पासवान ने शंकरपुर गांव के पास रूककर मृतक शिक्षक / शिक्षिका के परिजनों से भी मुलाकात कर ढांढस बंधाते हुए हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाया. 

ध्यातव्य हो कि हाल ही के दिनों में इन दोनों शिक्षक / शिक्षिका कि जो सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. वह दोनों आपस में पति / पत्नी थे. तत्पश्चात शंकरपुर गांव से चलने के बाद मुख्यालय स्थित महाराणा प्रताप चौक के पास रुककर सर्वप्रथम महाराणा प्रताप के बने मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन करते हुए शहर के चर्चित रमेश चौक होते हुए सीधा कार्यक्रम स्थल बिजौली के समीप बनी एक निजी होटल में पहुंचकर उपस्थित सभी लोगों को हार्दिक अभिनंदन किया. 

इसके बाद पारंपरिक तरीके से रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के सन् 2015 में पूर्व लोक जनशक्ति पार्टी प्रत्याशी एवं सन् 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी रह चुके, प्रमोद कुमार सिंह ने माननीय, चिराग पासवान का फूल मालाओं से भव्य स्वागत करते हुए अंग वस्त्र, तलवार एवं भगवान भास्कर की प्रतिमा देकर सम्मानित किया. तब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद, माननीय, चिराग पासवान ने भी रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी एवं निर्दलीय प्रत्याशी रह चुके, प्रमोद कुमार सिंह को अपने हाथों से माला पहनाकर पुनः अपने पार्टी में भव्य स्वागत किया. 

इस कार्यक्रम में भीड़ इतनी खचाखच भर गई कि मंच से बार बार खुद रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के सन् 2015 में पूर्व लोक जनशक्ति पार्टी प्रत्याशी रह चुके प्रमोद कुमार सिंह ने उपस्थित सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि कृपया आप शांति बनाए रखें. औरंगाबाद वीरों की धरती है. औरंगाबाद जिला की एक अलग संस्कार है. ऐसे भी धर्म ग्रंथ में कहा गया है कि अतिथि देवो भव:. इसलिए सर्वप्रथम आप लोग यहां आए हुए अतिथियों का सम्मान करें. अनुशासन बनाए रखें. तभी आप लोग पटना से चलकर औरंगाबाद आए हुए अपने अतिथियों का भाषण सुन पाएंगे, अन्यथा संभव नहीं है. 

वही पार्टी के प्रधान महासचिव, संजय पासवान ने भी मंच से संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि इनकी सरकार अधिक दिन तक चलने वाली नहीं है. हमारे नेता को बड़ी बड़ी पार्टी ने कुचलने का काम किया. मगर यह भी मालूम होना चाहिए कि हमारा नेता भी शेर का बेटा है. इसलिए आप लोगों से भी मैं अनुरोध करता हूं कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में माननीय, चिराग पासवान के हाथों को मजबूत कीजिए, क्योंकि यह कहीं भी सार्वजनिक रूप में मंच पर जात पात से ऊपर उठकर शिक्षा, रोजी रोजगार की ही हमेशा सभी वर्गों के लिए बात करते हैं. 

इसके बाद रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के सन् 2015 में पूर्व लोक जनशक्ति पार्टी प्रत्याशी एवं सन् 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर विरोधियों को भी सोचने पर मजबूर कर देने वाले जनप्रतिनिधि, समाजसेवी व पुनः अपने पुराने घर में शुक्रवार दिनांक 26 अगस्त 2022 को पार्टी की सदस्यता लेकर वापस होने वाले लोकप्रिय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने आज आकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का भव्य स्वागत किया. 

इसलिए आज मैं भी इन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि 2025 में जनता के सहयोग से बिहार के मुख्यमंत्री आप होंगे. मैं सन 2015 में रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से लोक जनशक्ति पार्टी के सीट पर ही चुनाव भी लड़ा था. मेरा राजनीतिक गुरु लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक, दिवंगत स्वर्गीय, माननीय रामविलास पासवान जी ही थे. हमारे राजनीतिक गुरु माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान जी का ईश्वर की शरण में चले जाना यह मेरे लिए जीवन की बहुत बड़ी अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कदापि संभव नहीं है. ऐसे भी धर्म ग्रंथों में उल्लेखित किया गया है कि गुरुर ब्रह्मा, गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वर, साक्षात पर ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः.

इसीलिए मैंने भी इन्हें राजनीतिक गुरु मानते हुए अपने माता पिता के बगल में ही तथा अपना मोबाइल में भी दिवंगत नेता माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान जी का आज भी फोटो लगाया हुआ हूं. जो फोटो आजीवन भी लगा ही रहेगा. मैं आप लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि दिवंगत नेता माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान जी ने 11 बार चुनाव लड़ने पर 09 बार लोकसभा सदस्य हुए. मैं सन् 1989 में जब मध्य प्रदेश के अंदर प्राइवेट दुकान में काम करता था. तब उसी वक्त माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान जी रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीते थे. उसी वक्त उनका अखबार में न्यूज़ के साथ प्रमुखता से फोटो भी छपा था. तब उसी वक्त माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान जी दाढी भी बढ़ाए हुए थे. उसी दिन से मैं भी वैसा ही दाढ़ी रखता हूं. आज उन्हीं का सुपुत्र माननीय, चिराग पासवान बिहार का भविष्य है. 

आज माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान जी ने हीं अपने पुत्र को चिराग रूपी छोड़कर चले गए हैं. 50 वर्षों की लंबी राजनीति भी माननीय, स्वर्गीय रामविलास पासवान जी ने किया. ऐसा महान जननायक जो पूरे समाज के लिए जात पात से हमेशा ऊपर उठकर काम किया है. बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार तो अब खुद ही कुर्सी कुमार के नाम से जाने जाने लगे हैं. कभी किसके साथ, तो कभी किसके साथ हैं. क्या आप लोगों को लगता है कि बिहार में अब कुछ भविष्य भी रह गया है? बिहार में सुशासन कुशासन का राज तो लगातार 32 वर्षों से चला रहा है. लेकिन बिहार में इस रिकॉर्ड को 35वा साल में भी तोड़ेगा, तो चिराग पासवान ही. वही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने भी मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम मिलन समारोह के नाम पर तो रखा ही गया है. मगर वास्तविक में यह कार्यक्रम मिलन समारोह नहीं है, बल्कि प्रमोद कुमार सिंह के लिए इसे पुनः घर वापसी सह मिलन समारोह ही कहेंगे. 

हालांकि इसे तो हम काटेंगे भी नहीं. सन् 2014 में जब नीतीश कुमार आए थे, तो हमारे चिराग पासवान जी ने उसी वक्त कहा था कि इन पर भरोसा करना ठीक नहीं है. उसी समय हमारा एन0डी0ए0 से नाता टूटा. विगत संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में हम लोगों ने 138 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें नीतीश कुमार जी का सुपड़ा साफ हो गया. पहले नंबर की पार्टी तीसरे नंबर पर चला गया, और 45 सीटों पर ही सिमटकर रह गए. हमारे नेता माननीय, चिराग पासवान जी हैं. जो हमेशा युवाओं, बेरोजगारों, शिक्षा, स्वास्थ्य की ही बात करते है. 

आप लोग यह भी जान लीजिए कि बिहार में चुनाव भी समय से पहले जल्द ही होगा. अंतिम वक्ता के रूप में जब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद माननीय, चिराग पासवान मंच पर बोलने के लिए खड़े हुए. तब सर्वप्रथम उन्होंने मंच से कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों का हाथ जोड़कर कहा कि सबसे पहले तो आप लोगों का चिराग पासवान का प्रणाम. इसके बाद बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि आज बिहार की स्थिति ऐसी है कि बिहार के यूवा जब दूसरे प्रदेशों में जाते हैं. तब बिहारी बताने से भी कतराते हैं. हमको भी बहुत से ऐसे लोग मिले हैं. जो चुपके से बात करते हुए करते हैं कि भैया हम भी बिहारी हैं. बिहार के लोग अन्य प्रदेशों में गालियां सुनते हैं. लेकिन यह भी मालूम होना चाहिए कि बिहारी होना मेरा स्वाभिमान, घमंड एवं शान है. इसलिए यह वापस लौटना चाहिए. आज भी बिहार में अपहरण, डकैती, हत्या, बलात्कार, जहरीली शराब से हुई मौत के खिलाफ ही हमेशा मीडिया में खबरें बनती है, जिसका गवाह हमारे मीडिया साथी ही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 10 लाख नौकरी की बात करते है. लेकिन जब यहां के युवा मांग करता है, तो नीतीश कुमार के प्रशासन सी0टेक0, बी0टेक0 के छात्रों की परीक्षाएं हो चुकी है. भर्ती शुरू करवानी है. लेकिन शर्म की बात है कि लाठियां युवक के साथ तिरंगे पर भी लाठियां चलाई. जबकि रूस और यूक्रेन की लड़ाई में भी तिरंगा दिखाकर ही भारतीय पार करते थे. इसलिए शर्म आनी चाहिए, ए0डी0एम0 एवं नीतीश कुमार को. ऐसे लोगों पर तो देशद्रोह का मुकदमा दर्ज़ होना चाहिए. आखिर क्यों हमारे मुख्यमंत्री को तिरंगे से नफरत है? डर है. 

बिहार के मुख्यमंत्री को डर है यूवा से. यह मैं नहीं जानता. बिहार के मुख्यमंत्री मुझे बिगाड़ेंगे ही क्या? चिराग पासवान डरेगा भी तो क्यो? क्या आज चिराग पासवान के पास कोई अपराधिक मुकदमा है, या आय से अधिक संपत्ति है? आखिर बिहार के मुख्यमंत्री को मुझसे डर ही क्यो है? सिर्फ इसी लिए न कि मैं हमेशा कहीं भी युवाओं की नौकरी, स्वास्थ्य, बेहतर व्यवस्था की बात करते हैं. ताजुब की बात तो है कि यहां कानून मंत्री पर ही बलात्कार का केस दर्ज है. जो शपथ लेते हैं. उसे बिहार के मुख्यमंत्री ही संरक्षण देते हैं. बचाने का काम करते हैं. तोड़ने का काम तो मुझे किया. मगर मैं भी शेर का बेटा हूं. मैं तो बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को चुनौती देता हूं कि आप ऐड़ी चोटी का जोर लगा लीजिए. मैं भी सर में कफन बांधकर ही निकला हूं. 

हमारे नेता ने अंतिम समय में संकल्प पत्र तैयार किया. बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट. मगर अब विरोधी बोलते हैं. चिराग मॉडल के चलते हार गए. बिहार में जनता दल यूनाइटेड तीसरे नंबर की पार्टी हो गई. मगर अगली बार चुनाव में मुख्यमंत्री का खाता भी नहीं खुलेगा. यह क्यों नहीं कहते कि चिराग मॉडल नीतीश कुमार पर भारी पड़ा. आप लोग जान लीजिए, कि इनका है कुर्सी प्यार. जो इस सरकार में बिहार की बर्बादी है. जो बिहार के यही न मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार बोलते थे कि जाओ पूछो जाकर अपने बाप दादा से. जंगलराज भी इन्होंने ही कहा था. जो बिहार के मुख्यमंत्री बनने लायक नहीं है, और 2024 में पी0एम0 की बात करते हैं. क्या बताएंगे देशवासियों को? जो पी0एम0 के लिए 150 200 सांसद के साथ बैठते हैं, परंतु यह तो 40 विधायक के सी0एम0 हैं? हम तो कहते हैं कि जाकर रूस का राष्ट्रपति बन जाइए. कम से कम बिहार को तो बचने दीजिए. प्रदेश के मुखिया का काम होता है. सभी को एक साथ लेकर चलने का. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने तो सिर्फ जातियों में ही बांटने का काम किया. प्रदेश को आगे ले जाना है, तो 13 करोड़ लोगों को साथ लेकर चलना होगा. अमीरी गरीबी खाई को पाटना होगा. तभी बिहार की तरक्की होगी. 

अंत में मैं आप लोगों से वादा करके जाता हूं कि जिस दिन बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की सरकार बनी. उस दिन बिहार को तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता. इसलिए आप लोगों से मेरा अपील है कि चिराग पासवान बनकर सब साथ दीजिए. चिराग पासवान जब तक जिएगा. आप लोगों के लिए जिएगा, मरेगा तो आप लोगों के लिए. इसके बाद जब कार्यक्रम की समाप्ति हुई. तब निजी होटल के कैंपस में ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिकित्सा प्रकोष्ठ, औरंगाबाद जिलाध्यक्ष, डॉक्टर रामविलास पासवान से संवाददाता की मुलाकात हुई, तो उसी वक्त चिकित्सा प्रकोष्ठ, जिलाध्यक्ष के साथ ही भेटनिया निवासी, बसंत कुमार भी मौजूद थे. जो आपस में एक दूसरे के दोस्त भी हैं. 

इसके बाद चिकित्सा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष, डॉक्टर रामविलास पासवान ने जानकारी देते हुए बताया कि क्या बताएं सर. कार्यक्रम का समापन हुआ. तब हमारे चिकित्सा प्रकोष्ठ के माननीय, प्रदेश अध्यक्ष, अजय कुमार हमसे बात करने लगे. इसी बीच मेरा पॉकेट से भीड़ में मौजूद चोर ने मोबाइल ही निकाल कर गायब कर दिया. साथ ही भेटनिया निवासी, मेरा यही दोस्त बसंत कुमार के पॉकेट से भी 37,000 रुपया नगद राशि गायब कर दिया. जो बाजार से मोबील, शी ऑयल वगैरह का सामान खरीदना था.