लोजपा (रामविलास) के महिला सेल जिलाध्यक्ष, रंजू वर्मा की अगुवाई में मुख्यमंत्री का रमेश चौक पर किया गया पुतला दहन
Under the leadership of Ranju Verma, Women Cell District President of LJP (Ram Vilas), the effigy of the Chief Minister was burnt at Ramesh Chowk.
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के महिला सेल जिलाध्यक्ष, रंजू वर्मा की अगुवाई में जिला मुख्यालय स्थित चर्चित रमेश चौक पर मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया. जिसमें लगभग दर्जनो की संख्या में महिलाएं उपस्थित रही, और मौके पर लोजपा (रामविलास) के पूर्व औरंगाबाद जिलाध्यक्ष एवं वर्तमान प्रदेश सचिव, अनूप कुमार ठाकुर, पूर्व जिला परिषद सदस्य, अजय पासवान, एस0सी0 / एस0टी0 प्रकोष्ठ बिहार प्रदेश महासचिव, बिहार प्रदेश एस0सी0 / एस0टी0 प्रकोष्ठ सदस्यता प्रभारी सह वैशाली (हाजीपुर) एस0सी0 / एस0टी0 प्रकोष्ठ के प्रभारी, संजय पासवान भी मौजूद रहे. मौके पर उपस्थित सभी महिलाएं बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार के खिलाफ काफी गुस्से में थी, और उपस्थित महिलाओं ने नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे भी लगाई. साथ ही मौके पर उपस्थित महिलाओं ने बिहार के मुख्यमंत्री से गद्दी छोड़ने की भी मांग की.
इस मौके पर उपस्थित लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के महिला सेल जिलाध्यक्ष, रंजू वर्मा, नीतू सिंह, बिहार प्रदेश सचिव, महिला प्रकोष्ठ, नीलम देवी सहित अन्य सभी महिलाओं ने एक ही सुर में उपस्थित पत्रकारों के समक्ष मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार के खिलाफ ब्यान देते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री के मां - बहन, बेटा - बेटियां नहीं हैं. जो इस प्रकार के बिहार के सदन में भी ब्यान देते हैं. इसलिए अब बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को पद पर बने रहने का कोई मतलब ही नहीं रह गया है, और बिहार के माननीय महामहिम को भी चाहिए, कि इस मामले में गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार को अपना रिपोर्ट भेजें, और बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो.
इसके बाद अंत में लोजपा (रामविलास) टीम के गुस्साए महिलाओं ने मौके पर उपस्थित पत्रकारों के समक्ष व्यान देते हुए कहा कि बिहार के माननीय महामहिम (राज्यपाल) को भी चाहिए, कि बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार का अब मानसिक संतुलन खराब हो चुका है. इसलिए इन्हें एंबुलेंस पर लोड करके बेहतर इलाज के लिए कहीं बेहतर अस्पताल में भेज दें जिससे इनका इलाज अच्छी ढंग से हो सके. नहीं तो बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार अब भी और कितने महिलाओं को बेइज्जत करेंगे?