अनुमंडल दाउदनगर स्थित माली टोला में मनाई गई ज्योतिबा फुले की जयंती समारोह

महात्मा फुले ने अंग्रेजी शासन काल में ही आधुनिक भारतीय समाज की नींव डाल दी थी. जिस पर बाद के दिनों में बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू से लेकर भगत सिंह ने आधुनिक भारतीय राष्ट्र की परिकल्पना सामने रखी.

अनुमंडल दाउदनगर स्थित माली टोला में मनाई गई ज्योतिबा फुले की जयंती समारोह

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: ( बिहार ) महात्मा ज्योतिबा फुले चेतना परिषद नगर अध्यक्ष, सत्येंद्र कुमार ने परिषद के ही तत्वाधान में मंगलवार दिनांक - 11 अप्रैल 2023 को दाउदनगर अनुमंडल स्थित माली टोला ( महात्मा फुले नगर ) मैं आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का शुद्र समाज महात्मा ज्योतिबा फुले का ऋणी है, क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले शूद्रों और स्त्रियों के लिए शिक्षा का द्वार खोला था.

इसी श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए दाऊदनगर के पूर्व चेयरमैन, धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ही वह पहले महापुरुष थे. जिन्होंने समाज के 85% पिछड़ों - दलितों को मानवीय गरिमा के साथ जीने का रास्ता दिखाया. दाऊदनगर के सेवानिवृत शिक्षक, कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी ने संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा फुले ने यदि शूद्रों के लिए शिक्षा का द्वारा नहीं खोला होता, तो आज शायद बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जैसा महान विद्वान भारत को नहीं मिला होता. इसलिए सही मायने में महात्मा फुले ने अंग्रेजी शासन काल में ही आधुनिक भारतीय समाज की नींव डाल दी थी. जिस पर बाद के दिनों में बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू से लेकर भगत सिंह ने आधुनिक भारतीय राष्ट्र की परिकल्पना सामने रखी. इस श्रद्धांजलि सभा में कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी, वरिष्ठ शिक्षक, अवधेश कुमार, संजय कुमार सिंह; विद्यार्थी, कृष्ण नंद किशोर, बृजनंदन किशोर, चिंटू कुमार, शुभम कुमार, निखिल कुमार, विवेक चंद्र सैनी, कुमारी सुषमा सैनी, भूमि कुमारी, नयना कुमारी, भाकपा (माले) नगर कमिटी सदस्य,- प्रो0 राजकमल कुमार सिंह, स्थानीय नागरिक मुखदेव भगत, शिवकुमार भगत, ब्रम्हदेव भगत, रामसकल महतो सहित अन्य स्थानीय नागरिक भी मौजूद रहे. सर्वप्रथम इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने महात्मा फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

इसके बाद अनेक वक्ताओं ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किए. स्थानीय सप्तम वर्ग का छात्र विवेकचंद्र सैनी ने अपने वक्तव्य में सरकार से तीन मांगों से संबंधित प्रस्ताव भी उपस्थित लोगों के बीच रखा. जिसे सर्वसम्मति से पारित भी किया गया. इन मांगों में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती समारोह के दिन 11 अप्रैल को सरकारी छुट्टी घोषित करने, प्रत्येक सरकारी भवन के समक्ष ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की मूर्ति लगाने तथा पाठ्य - पुस्तकों में ज्योतिबा फुले तथा सावित्री बाई फुले की जीवनी को शामिल करने की मांगें शामिल हैं. इस कार्यक्रम में श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता, वरिष्ठ नागरिक मुखदेव भगत ने की, तथा मंच संचालन सत्येन्द्र कुमार ने की.