भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी से लोजपा ( रामविलास ) के वरीय नेता ने की फोन पर बात  

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी से लोजपा ( रामविलास ) के वरीय नेता ने की फोन पर बात  
लोजपा ( रामविलास ) के वरीय नेता प्रमोद कुमार सिंह से कंप्लेनर सत्येंद्र सिंह मुख्यालय स्थित आवास पर ही शनिवार को मुलाकात कर आवेदन दिखाते हुए फोटो फाइल!

औरंगाबाद: ( बिहार ) ज्ञात हो कि लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के वरीय नेता, समाजसेवी व रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, प्रमोद कुमार सिंह ने शनिवार दिनांक - 10 दिसंबर 2022 को अपने मुख्यालय स्थित आवास पर से ही मदनपुर में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जिला पंचायती राज पदाधिकारी, मंजू प्रसाद को फोन लगाकर सारी बातों से अवगत कराते हुए कहा कि यह मेरा रफीगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेरी गांव का ही मामला है! जहां गलत तरीके से पंचायत सरकार भवन बनवाने का खेल खेला जा रहा है! मदनपुर प्रखंड की अंचलाधिकारी मैडम भी वर्तमान पहुंचा हुआ मेरे पास कंप्लेनर से एक लाख रुपया की मांग कर रहे हैं,और सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर ही नदी किनारे पंचायत सरकार भवन निर्माण कराने जा रहे है! इसलिए आप इस मामले में खुद संज्ञान लेकर भ्रष्टाचार को रोकिए, क्योंकि रफीगंज विधानसभा क्षेत्र की महान जनता ने मुझे पिछली बार संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव - 2020 में निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद भी लगभग 54,000 वोट दिया है! जिसे मैं कदापि नहीं भूल सकता! मैं अपना निजी कोष के पैसे से ही खर्च करके 10  - 12 वर्षों से राजनीति भी कर रहा हूं, और मैं हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ ही राजनीति कर रहा हूं! इसलिए इस मामले को आप गंभीरता से लेते हुए स्वयं जांच कर लीजिए! तब दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा! नहीं तो हम जिला पदाधिकारी महोदय से भी इस मुद्दे पर बात करेंगे, और जरूरत पड़ी! तब मदनपुर ब्लॉक में अपने क्षेत्र की महान जनता के साथ धरना भी देंगे! तब जिला पंचायती राज पदाधिकारी, मंजू प्रसाद ने भी फोन पर ही बातचीत के क्रम में वरीय नेता प्रमोद कुमार सिंह से कहा कि इस मामले में जिला पदाधिकारी महोदय को भी प्रतिलिपि दिए जाने का जिक्र किया गया है! इसलिए जिला पदाधिकारी महोदय को आवेदन कर्ता द्वारा लिखित रूप से प्रतिलिपि दिया गया है? या नहीं? इसलिए इस मामले में मैं भी कंफर्म हो लूंगी! ऐसे आप भी रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि है ही! इसलिए आप स्वयं भी जिला पदाधिकारी महोदय को जानकारी दे दीजिए! तब लोजपा ( रामविलास ) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे आप भी अपने स्तर से इस मामले में जिला पदाधिकारी महोदय से बात कर लीजिए! मैं तो बात कर ही लूंगा, और जिला पदाधिकारी महोदय को भी कंप्लेनर लिखित आवेदन जाकर दे देगा! ज्ञात हो कि इसी जमीनी विवाद मामले से संबंधित आवेदन का कॉपी सतेंद्र सिंह ने लोजपा ( रामविलास ) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह को भी दिया है! इसके अतिरिक्त भी लोजपा ( रामविलास ) के वरीय नेता, प्रमोद कुमार सिंह ने अपने मुख्यालय स्थित आवास पर ही कई लोगों की समस्या सुनते हुए समस्या दूर करने का भी भरोसा दिया! ज्ञात हो कि बेरी पंचायत सरकार भवन के विवादित जमीन मामले में ही जब संवाददाता ने समाचार प्रेषण पूर्व मदनपुर अंचलाधिकारी के मोबाइल नंबर पर संपर्क स्थापित कर सवाल पूछा! तब बातचीत के क्रम में ही पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि तब आपको लग रहा है ऐसी बात? लग रहा है? किसी से आज तक सुने आप? तब संवाददाता ने अंचलाधिकारी से कहा कि आवेदन कर्ता सत्येंद्र सिंह ने तो कहा है कि बेरी में जो पंचायत सरकार भवन बनवाया जा रहा है! वो गलत तरीके से बनवाया जा रहा है, और मैडम के द्वारा एक लाख रुपया रिश्वत का मांग किया जा रहा है? इसलिए हम सोचे कि आपसे भी बात कर ले? की हकीकत क्या है? तब मदनपुर अंचलाधिकारी ने पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आपको लग रहा है? ऐसी बात? ऐसी बात लग रहा है? किसी से आज तक सुने आप? तब संवादाता ने मदनपुर अंचलाधिकारी से कहा कि आवेदन कर्ता ने लोजपा ( रामविलास ) के वरीय नेता प्रमोद सिंह को आवेदन तो दिया है ना? तब मदनपुर अंचलाधिकारी ने जवाब देते हुए कहा कि कहने वाला तो कुछ भी कह सकता है ना? कुछ भी कहेगा? तो हम थोड़े ही उसको मना कर सकते हैं? तब संवाददाता ने मदनपुर अंचलाधिकारी से कहा कि लोजपा (रामविलास ) के वरीय नेता प्रमोद कुमार सिंह भी डी0पी0आर0ओ0 मैडम मंजू प्रसाद से बात किए थे? तब डी0पी0आर0ओ0 मैडम बोली कि प्रतिलिपि में डी0एम0 साहब का भी जिक्र किया गया है! इसलिए डी0एम0 साहब से भी हमको जानकारी ले लेने दीजिए, कि हां यह प्रतिलिपि डी0एम0 साहब को भी दिया गया है, या नहीं? तब प्रमोद कुमार सिंह ने डी0पी0आर0ओ0 मैडम से बोले कि आप अपने स्तर से जांच कर लीजिए! नहीं तो आप स्वयं डी0एम0 साहब से भी बात कर लीजिए! इस जमीनी विवाद मामले में प्रतिलिपि मिला है? या नहीं मिला है? तब मदनपुर अंचलाधिकारी ने कहा कि कहां से मांग किया गया है? और कहां से गया है रिपोर्ट? कहां से क्या है? वो पता कर ले? सारा जांच करवाएं? उसमें क्या दिक्कत है? लेकिन सही बात आना चाहिए ना? नेता वाली बात नहीं होनी चाहिए? तब संवाददाता ने मदनपुर अंचलाधिकारी से कहा कि बेरी गांव में नदी है, और गलत तरीका से निर्माण हो रहा है? नदी है? नदी के किनारे कभी भी पानी आएगा? तब मदनपुर अंचलाधिकारी ने जवाब देते हुए कहा कि नदी है! तब खिरियावॉ क्यों हो रहा है? खिरियावॉ पर क्यों नहीं उंगली उठ रहा है? खिरियावॉ भी तो नदीये है! खिरियावॉ भी नदी है? और बेरी भी नदी है? तो खिरियावॉ पर क्यों नहीं उठ रहा है? दोनों तो हमारे द्वारा ही दिया गया है? इसके बाद बातचीत के क्रम नहीं कहा कि सुनिए ना ये खिरियावॉ भी जो है! गैरमजरूआ आम है? और वो भी मेरे ही द्वारा दिया गया है? उस पर कैसे हो रहा है? जब होगा? तो दोनों रद्द हो? दोनों का एक ही है? मतलब सब कुछ एक ही है? नहीं तो फिर दोनों नहीं होना चाहिए? नहीं तो हम तो यही लिखेंगे की दोनों को रद्द किया जाए? हमको कोई मतलब नहीं है उनसे? हमको क्या लेना देना है? किसी का? हमसे जमीन की जांच करने के लिए हमको रिपोर्ट मांगा गया? हम दिए रिपोर्ट? अब जो करना है? ये करना है? हम दे दिए रिपोर्ट? तो वो काहे उन लोग जबकि डी0पी0आर0ओ0 मैडम खुद जांच करने गई थी? तो उनको रद्द कर देना चाहिए ना? तब संवाददाता ने मदनपुर अंचलाधिकारी से कहा कि डी0पी0आर0ओ0 मैडम बोली कि डी0एम0 साहब का आवेदन करता द्वारा प्रतिलिपि का जिक्र किया गया है? तब मदनपुर अंचलाधिकारी ने कहा कि आज डीएम साहब की और उनकी बात क्यों कर रही है?जब वो जांच में गयी? हमारे रिपोर्ट के बाद वो जांच में गयी? तो सही पायी? तभी तो उसको स्वीकृति दी? और नहीं सही पायी है? तो रद्द कर देती? इसके बाद बातचीत के क्रम में ही मदनपुर अंचलाधिकारी ने कहा कि जो भी है? डी0एम0 साहब से बात कर ले? ठीक है? वो कर ले, अपना समझ ले? हमको कुछ नहीं कहना है! हमको जो रिपोर्ट था? दोनों जगह का हम रिपोर्ट दे दिए, और दोनों सेम है? जब रद्द करना होगा? तब दोनों रद्द होगा? दोनों एक ही तरह का है? तो आप दोनों को ना रद्द कीजिएगा, और दोनों उतनी ही दूरी पर है? ये जानते हैं कि खिरियावॉ में रोड तोड़कर पंचायत सरकार भवन बनने की तैयारी हो रही है? तब संवादाता ने मदनपुर अंचलाधिकारी से पूछा कि खिरियावॉ में रोड तोड़कर पंचायत सरकार भवन बनने की तैयारी हो रही है? तब जवाब देते हुए मदनपुर अंचलाधिकारी ने कहा कि हां? तब संवाददाता ने मदनपुर अंचलाधिकारी से सवाल पूछा कि रोड अगर टूटेगा? तब आखिर रोड कमेगा ना? रोड का जमीन आखिर कैसे तोड़कर बनेगा? तब मदनपुर अंचलाधिकारी ने जवाब देते हुए कहा कि इस पर हम आपत्ति उठाए थे? तो उसपे हुआ कि नहीं आपको देना ही है? दे दीजिए? तब हम बोले कि जो जमीन है? हम दे देते हैं?

अब आप समझिए कि इसमें चौड़ाई आएगा? कि नहीं आएगा? अब रोड नहीं आएगा? तो का तो रोड तोड़ करके चौड़ाई आ जाएगा? इसलिए हम जितना दिए हैं? उतना में बनाएंगे बनाएं? इसके बाद मदनपुर अंचलाधिकारी ने बातचीत के क्रम में ही कहा कि हां हम वो तो चौहद्दी में भी दिए ही हुए हैं? चौहद्दी में तो दोनों जगह के रोड का चौहद्दी दिए है? सेम है, दोनों का नेचर एकदम सेम है? बेरी और खिरियावॉ दोनों सेम नेचर है? डी0पी0आर0ओ0 मैडम दोनों जगह जाके खड़ा होकर खुद जांच की है, और उनके साथ में जो टीम थी? सबके साथ में? वो जांच की? उनको गलत लगा? तो वहीं पर रद्द कर देती? सब कुछ उनके हाथ में था? जब हम रिपोर्ट भेज दिए? तब हम एक लाख रुपया अब क्यों मांगेंगे भाई? भेज दिए तो? भेजने के पहले ना मांगते? इसके बाद मदनपुर अंचलाधिकारी ने बातचीत के क्रम में ही कहा कि डी0एम0 साहब को भी प्रतिलिपि गया हुआ है! हमारे यहां से जो रिपोर्ट गया है? वो गया है? इसके बाद मदनपुर अंचलाधिकारी ने बातचीत के क्रम में ही कहा कि देखिए ये सब आपस के पॉलिटिक्स का ये सब है नतीजा? इसलिए हमको क्या मतलब है? पॉलिटिक्स से? उनके पॉलिटिक्स से हमको क्या लेना देना भाई? हमारा अपना काम का रिपोर्ट भेजना है? रिपोर्ट भेज दिए? अब रिपोर्ट को स्वीकृत करना? ना करना? ये डी0एम0 सर की ना बात है? स्वयं जांच कर ले? अगर हम झूठ बोल रहे हैं? गलत दे रहे है? तब हम पर कार्रवायी करें? रद्द करें? हमारा मैटर कहां आ रहा है? देखिए ना सत्येंद्र सिंह जाली कागज बना के ले आके? और वो हमसे कहता है कि वो जमीन मेरा है? और वो जमीन जो है? जिस रैयत का? वह रैयत अभी जीवित है? समझे? और वो कह रहे हैं कि हम एफ0आई0आर0 करेंगे? हम ही रुकवा दिए थे? कि नहीं? छोड़ दीजिए? ये सब गांव में होता ही रहता है? तब उन्होंने कहा कि हमारा झूठा कागज वो कैसे बना लिया? अंत में मदनपुर अंचलाधिकारी ने बातचीत करते हुए कहा कि देखिए ये सब विलेज पॉलिटिक्स है, और कुछ नहीं है? -

रिपोर्ट - अजय कुमार पाण्डेय