जनसंवाद से औरंगाबाद में जुड़े तेज तर्रार आई0पी0एस0 अधिकारी विकास वैभव

जनसंवाद से औरंगाबाद में जुड़े तेज तर्रार आई0पी0एस0 अधिकारी विकास वैभव
Vikas Vaibhav

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) मुख्यालय स्थित सांसद आवास के ठीक सामने एक निजी होटल में रविवार दिनांक - 28 मई 2023 को पुलिस मुख्यालय पटना के तेज तर्रार आई0जी0 रैंक के अधिकारी, विकास वैभव ने लगभग तीन घंटे तक अपनापन की तरह ही सभी लोगों से मिलकर जनसंवाद स्थापित किया. जिसका मुख्य उद्देश्य था, कि आइए मिलकर प्रेरित करें बिहार.

ध्यातव्य हो कि वर्तमान पुलिस मुख्यालय पटना में आई0जी0 रैंक अधिकारी के पद पर कार्यरत माननीय विकास वैभव पूर्व में औरंगाबाद के भी डी0एस0पी0 रह चुके हैं, और बगल के ही जिला रोहतास में पुलिस अधीक्षक के पद पर भी कार्यरत रहकर नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाकर काफी सफलता हासिल किया था. साथ ही पटना में सिटी एस0पी0 एवं बगहा जिला में भी पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्य करते हुए वहां के पीड़ित लोगों को किडनैपिंग एवं उग्रवादियों से मुक्ति दिलाने में काफी सफलता हासिल किया था. इसी कड़ी में आज रविवार के दिन औरंगाबाद के एक निजी होटल में भी पहुंचकर पुलिस मुख्यालय पटना के तेज तर्रार आई0जी0 रैंक अधिकारी, माननीय विकास वैभव ने जनसंवाद स्थापित किया, जिसका लाइव प्रसारण भी किया जा रहा था.

तब इसी मौके पर आई0जी0 विकास वैभव ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाए जाने के पश्चात मंच से संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के बाहर आज भी काफी संख्या में लोग नौकरी करने के उद्देश्य से, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से, बेहतर इलाज कराने के उद्देश्य से जाते हैं. यह कटु सत्य है. लेकिन बिहार के लोगों में प्रतिभा की भी कोई कमी नहीं है. बिहार ज्ञान की धरती, बिहार मोक्ष की धरती, बिहार स्वतंत्रता संग्राम की धरती भी हमेशा ही रही है. बिहार की धरती पर एक से एक विद्वान हुए. जिन्होंने दुनिया को रास्ता दिखलाया. दुनिया में नाम रौशन किया. इसलिए चिंता नहीं, चिंतन करें, और सब मिलकर प्रेरित करें अपने बिहार वासियों को, ताकि समतामूलक समाज का निर्माण हो. दूसरे पर दोषारोपण करने के बजाय अपने अंदर की कमी भी अवश्य देखें. तब निश्चित तौर पर बिहार को तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता. इसके बाद आई0जी0 विकास वैभव ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि बिहार का विकास आज भी दम नहीं तोड़ रहा है. सर्वप्रथम डिजायर, डेडीकेशन और डिटरमिनेशन की आवश्यकता है. सिर्फ आप लोग इमानदारी पूर्वक कार्य करेंगे.

तब निश्चित तौर पर परिवर्तन भी होकर ही रहेगा, क्योंकि परमात्मा की शक्ति भी असीम है. इसलिए कोई भी काम कठिन कैसा? स्वयं को कमजोर समझना ही सबसे बड़ा महापाप है. इसलिए आप लोग कभी भी अपने को कमजोर मत समझिए. इसके बाद आई0जी0 अधिकारी विकास वैभव ने मंच से उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब पटना में गरीब बच्चों के लिए गार्गी पाठशाला प्रारंभ किया गया था. तब उस समय 300 गरीब बच्चों से प्रारंभ हुआ था. जो आज इसी गार्गी पाठशाला में गरीब घर के ही लगभग 1,000 बच्चे से भी अधिक निःशुल्क पढ़ाई कर रहे हैं. रोहतास जिला में भी जब मैं पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत था. तब वहां विकट स्थिति थी. उग्रवादियों से हमेशा रोहतास किला एवं पहाड़ी क्षेत्रों में मुठभेड़ होती थी. उस वक्त उग्रवादियों के विरुद्ध कई दिनों तक अभियान चलाने के बावजूद भी नतीजा शून्य निकला. तब मैंने उस समय वहां की भौगोलिक स्थिति को समझा. इसके बाद रोहतास किला से बच्चों को बुलाकर पर्यटक गाइड बनने के लिए प्रेरित किया. हालांकि उस वक्त रोहतास किला पर पर्यटक भी नहीं आते थे. कभी - कभार यदि रोहतास किला पर पर्यटक आते भी थे, तो मात्र दो-तीन की ही संख्या में ही आते थे. फिर मैंने पटना से पर्यटक एक्सपर्ट को बुलाकर वहां के लोगों को समझाने का प्रयास किया. इसके बाद धीरे-धीरे रोहतास जिला के उग्रवादी भी आत्मसमर्पण किये. रोहतास किला में 1,500 फीट की ऊंचाई पर संसाधन भी नहीं था.

वर्षों से उग्रवादियों का कब्जा था. लंबा पहाड़ी और कच्चा रास्ता भी था. मैं चार - चार रात तक रोहतास पहाड़ी पर ही रहा. लेकिन अंततः 26 जनवरी 2009 को प्रथम बार रोहतास किला पर झंडा भी फहराया. यानी दृष्टि बदल गई. चीजें बदली है. इसलिए जब हम योगदान देंगे. तब निश्चित तौर पर बिहार भी बदलेगी. साकारात्मक भाव के साथ काम करने की आवश्यकता है. सोच बड़ी होनी चाहिए. सक्रिय होने की जरूरत है. परिवर्तन संभव है. शुरू से ही मैं सक्रिय रहा. इसीलिए आज मेरे साथ व्हाट्सएप ग्रुप से भी 55,000 लोग जुड़े हुए हैं. बिहार से बाहर के भी लोग जुड़े हुए हैं. इसके अलावे इसी कार्यक्रम में पटना के तेज तर्रार आई0जी0 माननीय विकास वैभव के साथ पटना के डी0एस0पी0 विनय रंजन भी औरंगाबाद पहुंचकर भाग लिए.

उन्होंने भी इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग शिक्षा से जुड़िए. छोटा-छोटा ही सभी लोगों के साथ मिलकर प्रयास करें. व्यक्ति आते जाते रहते हैं. इसलिए अपने अंदर चिंतन करना चाहिए. पटना में कार्यरत डी0एस0पी0 विनय रंजन ने मंच से अपने संबोधन में कहा कि जब मैं सन् 2005 में दिल्ली रहकर आई0टी0 के लिए शिक्षा प्रारंभ किया. तब इसी कॉलेज में सेकेंड ईयर के छात्र मिले. उन्हें भी मैं पढ़ाने में सहयोग किया. सन् 2009 में पुणे के अंदर भी अच्छा जॉब किया. सैलरी भी अच्छी थी. कोटा में भी मैंने तीन साल तक पढ़ाया. जहां हर घर में कम से कम एक बिहार के लोग मिल ही जाते थे. तब हम निर्णय लेकर सन् 2016 में वापस बिहार लौट गये.

इसके बाद बिहार के डी0जी0पी0 माननीय अभयानंद जी से जुड़े. फिर 20 मेडिकल एवं 20 इंजीनियरिंग छात्रों के लिए पढ़ाई शुरू किया. टारगेट रहा 20 - 20 का. लॉकडाउन के वक्त भी समय का उपयोग करके बी0पी0एस0सी0 का फॉर्म फिल - अप किया. फिर मैं 21 जून 2021 को एग्जाम दिया. वर्तमान हम पटना में डी0एस0पी0 हेड क्वार्टर में ही है. साथ ही मैं अभी पटना में ही हूं. 40 गरीब बच्चों को आवासन, शिक्षा व्यवस्था भी निःशुल्क दे रहा हूं. इसके बाद डी0एस0पी0 विनय रंजन ने मंच से उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग जान लीजिए, कि बिहार के बाहर भी 80% पढ़ने वाले छात्र या पढ़ाने वाले शिक्षक भी बिहार के ही होते हैं. इसलिए जब पढ़ेगा बिहार, तब बढ़ेगा बिहार. सिर्फ मानसिकता बदलने की जरूरत है. ध्यातव्य हो कि इस कार्यक्रम में शिक्षाविद, समाजसेवी, इतिहासकार, अधिवक्ता, राजनीतिक दलों के लोगों ने भी काफी बढ़ - चढ़कर भाग लिया.