धानुका परिवार सालासर धाम में खोलेगा श्रीमती त्रिवेणी देवी धानुका उच्‍च माध्‍यमिक आदर्श विद्या मंदिर

धानुका परिवार सालासर धाम में खोलेगा श्रीमती त्रिवेणी देवी धानुका उच्‍च माध्‍यमिक आदर्श विद्या मंदिर
Dhanuka Higher Secondary Adarsh Vidya Mandir School

पूर्व राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद करेंगे लोकार्पण

जयपुर राजस्थान 11 अगस्‍त 2023: धानुका परिवार ने सालासर बालाजी धाम में श्रीमती त्रिवेणी देवी धानुका उच्‍च माध्‍यमिक आदर्श विद्या मंदिर स्‍कूल खोलने की घोषणा की है. शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्‍मेलन में कंपनी की सामाजिक गति‍विधियों एवं स्कूल के बारे में जानकारी साझा करते हुए धानुका परिवार ने बताया कि माताजी श्रीमती त्रिवेणी देवी की 100वीं जयंती पर पवित्र सालासर धाम में स्‍कूल का शुभारंभ करेंगे, जिसका लोकार्पण पूर्व राष्‍ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद करेंगे. धानुका परिवार ने बताया कि 18 अगस्‍त को बालाजी श्री सालासर धाम की धरती पर श्रीमती त्रिवेणी देवी धानुका उच्‍च माध्‍यमिक आदर्श विद्या मंदिर का लोकार्पण केवल एक संस्‍थान का लोकार्पण नहीं है, बल्कि समाज को ज्ञान के प्रकाश का उपहार देकर सशक्‍त करने की दिशा में एक कदम है.

शिक्षा किसी व्‍यक्ति ही नहीं अपितु समाज, देश और दुनिया के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए महत्‍वपूर्ण है. शिक्षा लोगों को सशक्‍त बनाती है, अवसर पैदा करती है, गरीबी के चक्र को तोड़ती है, समाज को मजबूत बनाती है, वैश्विक समझ को बढ़ावा देती है और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद करती है. लोगों को ज्ञान और कौशल से युक्‍त बनाकर शिक्षा जिंदगियों में बदलाव लाती है, संपन्‍न समाज का निर्माण करती है और दुनिया को ज्‍यादा एकजुट और टिकाऊ बनाती है. सभी स्‍तरों पर प्रगति और विकास के लिए शिक्षा में निवेश बेहद जरूरी है.

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्‍थान सबसे बड़ी गैर-सरकारी शिक्षण संस्‍था है, जो 13,000 विद्यालयों का संचालन करती है जिनमें 35 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं. इस संस्‍था की शुरुआत 1952 में सरस्‍वती शिशु मंदिर की स्‍थापना के साथ हुई थी. प्राचीन भारतीय ग्रंथों से प्रेरित विद्या भारती ने वैश्विक स्‍तर पर अपनी विशेष पहचार बनाई है.

युवाओं के समग्र विकास के लिए उनमें नैतिक मूल्‍यों की स्‍थापना और समाज में वसुधैव कुटुम्‍बकम के सिद्धान्‍त को बढ़ावा देती है. युवाओं पर पश्चिमी संस्‍कृति के नकारात्‍मक प्रभाव को रोकने और उनको महान भारतीय मूल्‍यों और नैतिकता अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए विद्या भारती की स्‍थापना की गई थी. हमारा देश सन् 1947 में आजाद जरूर हो गया, लेकिन मैकाले द्वारा लागू अंग्रेजों की शिक्षण व्‍यवस्‍था जारी रही जो केवल उनके लिए काम करने वाले बाबू तैयार करती थी. इसके बजाय ऐसी शिक्षा व्‍यवस्‍था की जरूरत थी जो प्रतिबद्ध और समर्पित ऐसे नागरिक तैयार करे जो देश के लिए काम करें. विद्या भारती ने इसको महसूस किया और गुरु-शिष्‍य परंपरा वाली भारतीय शिक्षण व्यवस्था की दिशा में की गई विद्या भारती की पहल, जिसमें जूते कक्षा से बाहार निकाले जाते हैं और विद्यार्थी गुरुजनों के पांव छूते हैं. इसके अलावा क्‍लास टीचर्स महीने में एक बार हर विद्यार्थी के घर जरूर जाते हैं.

यह गौरव और सम्मान की बात है कि राजस्थान में विद्या भारती 652 स्कूलों का संचालन करती है. गत वर्ष कॉमर्स के तीनों टॉपर्स संस्‍था के स्‍कूल से थे. हमने 11 फरवरी 2023 को अपने पिताजी के जन्मदिन समारोह पर आयोजित वार्षिक समारोह में उनको सम्मानित किया था. सालासर धाम में नए विद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर ऐसे ही 5 प्रतिभावान विद्यार्थियों को पूर्व राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद सम्‍मानित करेंगे. इसके अलावा प्रधानाचार्य श्री लोकेश चौमाला और भवन के प्रमुख वास्तुकार श्री प्रमोद गुप्‍ता को भी सम्मानित किया जाएगा. श्री गुप्ता धानुका परिवार के सोशल प्रोजेक्‍ट्स में पिछले 25 वर्षों से जुड़े रहे हैं, लेकिन कभी कोई शुल्क नहीं लिया. यहां तक कि वे खुद के खर्च पर साइट विजिट भी करते रहते हैं.

इसके अलावा, हम शिक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए सरकार की पहल की सराहना करते हैं, विशेष रूप से 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरुआत की. इस नीति का उद्देश्य छात्रों के बीच आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देते हुए "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" विकसित करना है.

धानुका परिवार हमेशा समाज की भलाई के लिए विभिन्न जन कल्याण एवं सामाजिक गतिविधियों के लिए समर्पित रहा है. सरकार ने वर्ष 2014 में सीएसआर नीति पेश की है लेकिन हमारा परिवार 100 वर्षों से अधिक समय से समाज में योगदान दे रहा है. हमारे पूर्वज 100 साल पहले राजस्थान से आए थे और उनकी पहली सामाजिक परियोजना वृन्दावन में एक आश्रम थी जो उस समय एक जंगल था जिसमें छोटी-छोटी कुटियाएँ थीं, जहां साधु रहते थे और लगभग 100 लोगों को प्रतिदिन सुबह भोजन दिया जाता था. अब इसे 60 एसी कमरों और एक एसी हॉल वाले आधुनिक गेस्ट हाउस में बदल दिया गया है. सीएसआर और सामाजिक सेवाओं की राह पर अग्रसर होते हुए, धानुका परिवार अयोध्या में 150 कमरों के आश्रम निर्माण और रतनगढ़ में एक स्कूल भी चला रहा है. धानुका परिवार 21 अगस्त को एम्स दिल्ली अस्पताल में एक अति आवश्यक वेटिंग लाउंज भी समर्पित करने भी जा रहा है. जोकि अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के लिए आने वाले मरीजों की सगे संबंधियों के विश्राम के काम आएगा. अभी देखने में आता है कि हजारों लोग अस्पताल के बाहर सड़कों पर गर्मी, सर्दी एवं बारिश में खुले में बैठने को मजबूर हैं. हम उस क्षण का इंतजार कर रहे हैं जब भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी एम्स अस्पताल के इस बहुउपयोगी प्रतीक्षालय का उद्घाटन करेंगे.