मकानों को बुलडोजर से गिराना पूरी तरह से गैरकानूनी: पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर

मकानों को बुलडोजर से गिराना पूरी तरह से गैरकानूनी: पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर

मकानों को बुलडोजर से गिराना पूरी तरह से गैरकानूनी: पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर

प्रयागराज में घर गिराने पर हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश का बड़ा बयान - "ये पूरी तरह से गैरकानूनी है"

मोहम्मद जावेद के वकील और परिवार ने दावा किया है कि ये घर उनके नाम पर था ही नहीं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा है कि प्रयागराज में मोहम्मद जावेद का घर गिराना पूरी तरह से गैरकानूनी है.

उन्होंने मीडिया से कहा, “ये पूरी तरह से गैरकानूनी है. यदि यह मान भी लिया जाए कि उस घर को गैरकानूनी तरीके से बनाया गया था, जैसा कि करोड़ों भारतीय इसी तरह रहते हैं, फिर भी यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि आप उस घर को तोड़ दें, जबकि वह व्यक्ति हिरासत में है. यहां कोई तकनीकी मामला नहीं है, यह कानून का सवाल है.”

प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बीते रविवार, 12 जून को स्थानीय कार्यकर्ता और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडियन के नेता मोहम्मद जावेद का दो मंजिला घर पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. पुलिस ने उन पर आरोप लगाए कि बीते शुक्रवार, 10 जून को जुमे की नमाज के बाद शहर में जो हिंसा हुई थी, वह उसके मुख्य साजिशकर्ता हैं. लेकिन साथ ही प्राधिकरण ने 11 जून को उनके मकान पर नोटिस चिपकाई. नोटिस चिपकाकर कहा कि उनके मकान का कुछ हिस्सा अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है, और कार्रवाई के पहले वो घर को खाली कर लें. 

हालांकि परिवार और वकील ने पुलिस के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है. जावेद के वकील केके राय ने कहा कि प्रयागराज प्रशासन ने जिस घर को गिराया है वह जावेद के नाम पर था ही नहीं. वह घर उनकी पत्नी परवीन फातिमा के नाम पर था. 

उन्होंने कहा, “जो मकान परवीन फातिमा के नाम पर था, जिसे उनके पिता ने गिफ्ट किया था, जिस मकान के स्वामित्व से जावेद मोहम्मद का कोई मतलब नहीं है, उस व्यक्ति के नाम पर नोटिस जारी कर मकान को जमींदोज करके प्रशासन ने परवीन फातिमा और उनके चार बच्चों को बेघर कर दिया है.”

वकील ने कहा कि प्रशासन जिस नोटिस की बात कर रहा है, उसमें पिछली तारीख लिखी गई है और दावा किया गया है कि उन्होंने 10 मई को इस संबंध में नोटिस जारी किया था और दलीलें पेश करने का मौका दिया था. हालांकि हकीकत यह है कि यह नोटिस 11 जून को दिया गया और 24 घंटे के भीतर घर तोड़ दिया गया.

जावेद मोहम्मद की बेटी सुमैया फातिमा ने भी बताया कि प्रयागराज विकास अथॉरिटी ने जो मकान गिराया है, वो उनकी मां को नाना ने गिफ्ट किया था. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता की कमाई से ना तो जमीन खरीदी गई थी और ना ही मकान बना था. अब कानून का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. कानून से ही उम्मीद है.'

हालांकि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने 10 जून को एक नोटिस जारी कर कहा था कि शहर के करेली में स्थित इस घर को बनाने में उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है और प्रयागराज प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त किए बिना लगभग 25 गुना 60 फीट की साइज में भूतल और प्रथम तल का निर्माण कराया गया है.

सौजन्य: सोशल मीडिया