सता से हटते ही बिहार भाजपा के नेतागण डिरेल हो गए हैं: डॉक्टर सुरेश पासवान

सता से हटते ही बिहार भाजपा के नेतागण डिरेल हो गए हैं: डॉक्टर सुरेश पासवान

अजय कुमार पाण्डेय :

औरंगाबाद: ( बिहार ) बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष, डाक्टर सुरेश पासवान ने कहा है कि अभी बिहार में सता से बाहर हुए भाजपा को मात्र 15 20 बीस दिन ही हुआ है, और भाजपा के तमाम बड़े नेताओं का विधवा विलाप ज़ोर शोर से शुरु हो गया है. कल औरंगाबाद के जिला मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में जिस तरह से ब्यान दिया गया. वह हास्यास्पद ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र को चुनौती देने वाला वक्तव्य लगता है.

प्रधानमंत्री के पद का कभी वैकेंसी नहीं निकाली जाती है, बल्कि हर पांच साल में देश की महान जनता बहुमत के आधार पर प्रधानमंत्री का चयन करने का अधिकार पार्टियों को देती है. इसलिए यह कहना की 2024 में प्रधानमंत्री के पद का कोई वैकेंसी नहीं है. यह तो कोई मानसिक रूप से दिवालिया व्यक्ति ही कह सकता है. रही बात नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने का हसीन सपना देखने वाली बात करने वाले नेताओं के ब्यान में भी अहंकार और दंभ का बोध हो रहा है. यही भाजपा के बयानवीर नेताओं द्वारा अनेकों बार नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री मेटेरियल बताया गया है. आज यदि कोई बिहार का बेटा प्रधानमंत्री बनने का बात करता है, तो उसमें इनके पेट में दर्द क्यों होने लगता है? यह बिहार के 13 करोड़ जनता जानना चाहती है. आखिर एक पढ़ा लिखा, अनुभवी, कुशल प्रशासक, सुशासन का आइकोन, 50 वर्षों का राजनीतिक सामाजिक अनुभव रखने वाले नीतीश कुमार से नफ़रत क्यों?

 देश की आजादी के लिए भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से ही अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का शंखनाद किया था. आपातकाल में भी लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने बिहार से सम्पूर्ण क्रान्ति का नारा दिया था. साम्प्रदायिकता की आग में देश को झोंकने निकले भाजपा के रथ पर सवार लालकृष्ण आडवाणी जी को भी बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री, श्री लालू प्रसाद ने ही रोका था. 

इसलिए बिहार एक बार फिर से लोकतंत्र एवं संविधान को बचाने तथा अहंकारी और दंभी सरकार को देश की सत्ता से हटाने के लिए देश भर के संपूर्ण विपक्ष को एकजुट करने का आह्वान कर रहा है. वह स्वागत योग्य कदम है. इससे बिहार का गौरव बढ़ेगा. जिस तरह से आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनकर डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी ने बिहार का गौरव बढ़ाया था. उसी तरह से यदि बिहार का बेटा प्रधानमंत्री बनने का दावा करता है, तो इसमें भाजपा को परेशानी क्यों हो रही है? इसलिए भाजपा के लोगों को भी संकीर्ण मानसिकता से उपर उठकर इस आह्वान का समर्थन करना चाहिए. अंत में पूर्व मंत्री ने नारा लिखा है. जय हिन्द, जय बिहार.