अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन रामल्लाह में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बीच कब्जे वाले वेस्ट बैंक रामल्लाह में गाजा लड़ाई, नया फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना, क्षेत्र में शांती के लिए अशांति के माहौल में शांती के लिए बात हुई.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन रामल्लाह में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की

फिलिस्तीन देश को मानय्‍ता को लेकर चर्चा हुई

बुधवार 10 जनवरी 2024 को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बीच कब्जे वाले वेस्ट बैंक रामल्लाह में गाजा लड़ाई, नया फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना, क्षेत्र में शांती के लिए अशांति के माहौल में शांती के लिए बात हुई. गाजा में इजरायल का युद्ध 7 अक्टूबर से आज 3 महीने से ज्‍यादा हो गया है. यहां गाजा में लाखों लोग बेघर हो गए और इजराइल और फिलिस्तीन में डर के माहौल में लोग रह रहे है. इजराइल के जुल्‍म के कारण आज पूरी दुनिया पर चौथे विश्‍व युद्ध का खतरा बना हुआ है. इस मुलाकात का उद्देश्य व्यवसाय की सुरक्षा का समर्थन करना है जोकि अभी संभव नही लगता. तीन महीने के इस युद्ध में गाजा में 30,000 से अधिक फिलिस्तीनी इजरायली बमबारी में मारे गए हैं और जख्‍मी हैं. इस क्राइम में इजरायल के साथ अमेरिका भी बराबर का शरीक है.

इस मुलाकात में जो सबसे अहम बात मानी जा रही है वह है फिलिस्तीन को एक देश का समर्थन व्यक्त करना. अब यह पूरी दुनिया मानती है कि फिलिस्तीन एक देश है और इस पर इजरायल नाजायज तरीके से 75 सालों से कब्‍जा बनाया हुआ है, वहां की जनता को सता रहा है, जुर्म कर है और उनके नागरिकों के अधिकारों का हनन कर रहा है.

इस लड़ाई में फिलिस्तीन के गाजा इलाके में जो तबाही हो रही है वह सिर्फ नेत्‍नयाहु की जिद्रद के कारण हो रही है. इजराइल ने गाजा में रहने वाले लोगों के लिए जमीन को जहन्‍नम बना दिया है लेकिन इसका बुरा असर पूरे इजरायल को भी झेलना पड़ रहा है और पूरी दुनिया यहुदी नागरिकों के लिए असुरक्षित हो रही है. इजरायल नागरिकों पर जानलेवा हमले का खतरा बना हुआ है.

इजरायल और फिलिस्तीनी क्षेत्र में आने से पहले एंटनी ब्लिंकेन तुर्की सहित सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश के अधिकारियों से बात कर चुके हैं.

अब यह सवाल उठता है कि क्‍या मुस्लिम देश इतना कुछ होने के बाद भी इजरायल के साथ घनिष्ठ संबंध बनाना चाहेंगे?

-न्‍यूज डेस्‍क इसमाटाइम्‍स