बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने औरंगाबाद स्थित रिसोर्ट में जनसभा को किया संबोधित

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने औरंगाबाद स्थित रिसोर्ट में जनसभा को किया संबोधित
State President of Bihar BJP addressed public meeting

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद गुरुवार दिनांक - 24 अगस्त 2023 को प्रथम बार औरंगाबाद पहुंचकर बिहार प्रदेश अध्यक्ष, सम्राट चौधरी ने कही साईकिल यात्रा, कहीं पैदल यात्रा, तो कहीं खुले पिकअप वाहन पर सवार होकर जिले वासियों के समक्ष हाथ जोड़कर यात्रा करते हुए आशीर्वाद मांगा.

ध्यातव्य हो कि यह यात्रा मुख्यालय स्थित शाहपुर अखाड़ा, मुख्य बाजार, चर्चित रमेश चौक, महाराजगंज रोड, बायपास होते हुए बिजौली मोड़ स्थित एक निजी रिसोर्ट तक पहुंची. औरंगाबाद शहर में यात्रा के दौरान बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को जगह-जगह फूल मालाओं से स्वागत भी किया गया, और महाराजगंज रोड में एक स्थान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को तराजू पर बैठाकर लड्डू से भी तौला गया. साथ ही भाजपा के उत्साहित कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को बुलडोजर से फूलों की बारिश करते हुए स्वागत किया. यात्रा के दौरान औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह भी साथ रहे.

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, सम्राट चौधरी जब अंबा - डाल्टेनगंज जाने वाली मेन रोड में बिजौली मोड़ के समीप स्थित एक निजी रिसोर्ट में कार्यक्रम स्थल पहुंचे. तब वहां भी मंच पर पारंपरिक तरीके से भाजपा के लोगों ने अंग वस्त्र, मोमेंटो, तलवार वगैरह देकर फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया. इसके अलावे औरंगाबाद में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को चांदी का मुकुट देकर भी सम्मानित किया गया. वहीं निजी रिसोर्ट में पारंपरिक तरीके से सभी लोगों ने एक साथ मिलकर द्वीप प्रज्वलित करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके बाद बारी - बारी से भाजपा के सभी नेताओं ने हाल में उपस्थित लोगों को अपने-अपने तरीके से संबोधित किया.

इसी मौके पर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, सम्राट चौधरी ने सर्वप्रथम हाल में उपस्थित सभी लोगों से हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए आशीर्वाद मांगा. इसके बाद बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, सम्राट चौधरी ने हाल में उपस्थित लोगों को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि मुझे औरंगाबाद की पावन धरती पर आने का मौका मिला. अध्यक्ष बनने के बाद ऐसे तो मैं औरंगाबाद की पावन धरती पर कई बार आया हूं. लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद औरंगाबाद की पावन धरती करने का मौका मिला. मैं सर्वप्रथम आप सभी साथी का धन्यवाद देता हूं कि जोरदार स्वागत आप लोगों ने किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष, मुकेश शर्मा जी, संचालन कर रहे रवि शंकर जी, हम लोगों के भाई और आपके चहेते सांसद माननीय भाजपा के नेता सुशील कुमार सिंह जी, विधान परिषद के साथी दिलीप कुमार सिंह, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व गोह विधायक माननीय मनोज शर्मा जी, विधान परिषद के पूर्व सदस्य माननीय राजन कुमार सिंह जी, भारतीय जनता पार्टी संगठन के महामंत्री, राजेश वर्मा जी, पार्टी के प्रदेश मंत्री रत्नेश कुशवाहा जी अमित दांगी जी, विक्रम सिंह जी और इस इलाके के नेता व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह जी, पूरे मगध के व प्रदेश के नेता भारतीय जनता पार्टी के कुछ दिन पहले अभी ज्वाइन किए हैं, और लगातार अति पिछड़ों समाज की आवाज उठाने वाले प्रमोद कुमार चंद्रवंशी जी, भारतीय जनता पार्टी के नेता व प्रदेश कार्य समिति सदस्य, मनोज कुमार सिंह जी, पार्टी के जिला प्रभारी, सुरेश शर्मा जी, पार्टी के पूर्व औरंगाबाद जिलाध्यक्ष, बबुआ जी, विनय शर्मा जी भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने का काम कर रहे हैं. उनको सम्मानित भी करना है. इसलिए मैं खुद बहुत शॉर्ट में ही अपनी बातों को रखूंगा. लेकिन साथियों यह बड़ा रहस्य है.

डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने 1950 के दौर में जनसंघ की कल्पना की थी, और सन 1951 में इसका स्थापना भी किया, और इसकी लड़ाई भी सही लड़ाई आदरणीय सांसद, सुशील सिंह जी अभी यहां पे बता रहे थे. हमारे जनसंघ काल के लोगों ने कई साल जो 1990 के पहले दशक के नेता राजनेता हमारे थे. उन लोग नारा लगाते थे. लोग कहते थे, मजाक उड़ाते थे. नहीं चलेगा दो विधान. नहीं चलेगा दो मिसाल और नहीं चलेगा दो प्रधान, और इसकी लड़ाई चाहे वो एन0डी0ए0 का स्वरूप बना हो सन् 1996 में. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कभी नहीं कहा था. हम धारा - 370 नहीं हटाएंगे. हम धारा - 370 हटाएंगे. लेकिन जब पूर्ण बहुमत की सरकार होगी, और जब 2014 और 2019 में औरंगाबाद से लेकर पूरे बिहार के लोगों ने आदरणीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी को एब्सलूट मेजॉरिटी देने का काम किया साथियों, तो वही धारा - 370 को उखाड़कर कचरे की ढेर में फेंकने का काम किया. ये है पूर्ण सरकार की बहुमत का जादू, और आज जिस तरह इस पंडाल में बैठे हैं.

मैं कहता हूं कि भाजपा जो कमिटमेंट एक बार कह देती है. उससे पीछे नहीं हटती है. हम 75 वर्षों तक इंतजार किये. लेकिन धारा - 370 से पीछे नहीं हटे. 1990 के दशक में पूरे देश के लोगों ने कार्य सेवा करने का काम किया, और जिस तरह पंडाल में बैठे हैं अश्विनी जी के कृपा से. उसी तरह प्रभु श्री राम भी 450 वर्षो से पंडाल में बैठे थे, और जब आपका आशीर्वाद प्राप्त हुआ, और इसके पहले भी स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने कहा कि ना कानून को नहीं तोड़ेंगे. हम लोअर कोर्ट जाएंगे. हाईकोर्ट जाएंगे. हम सुप्रीम कोर्ट में जीतेंगे, और सब जीतते, जीतने के बाद देखिए ये भगवान का आशीर्वाद होता है, कि जब 2019 में आपने फिर से एन0डी0ए0 की सरकार दिल्ली में नरेंद्र मोदी की सरकार बनाई, तो उसी टेंट से निकालकर भव्य मंदिर में प्रभु श्री राम को स्थापित कर रहे हैं, और हम तो लव - कुश समाज से आते हैं साथी, और हमारे आदर्श हमारे पूर्वज भगवान राम को स्थापित करने वाला कोई है, तो उसका नाम है नरेंद्र मोदी. उसने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थापित करने का काम किया, और आज हम आपसे आग्रह करने आए हैं,कि मैं इसी हाल में आया था, और मैं सरकार में मंत्री था, और मैंने कहा था कि बिहार में उत्तर प्रदेश की स्थिति नहीं है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. जब भी रामनवमी होता था. दुर्गा पूजा होता था. सरस्वती पूजा होता था. बिहार में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को जेल भेजने का काम किया जाता था, और यहां तो युवा लोगों के मोर्चा ने मिला था हमसे.

आदरणीय सुशील जी भी सभी लोग हम लोग यहां थे, इसी हाल में. उसी वक्त हमने कहा था कि बिहार में भाजपा की सरकार बनाओ, और ना कोई बिहार में जेल जाएगा, भाजपा का कार्यकर्ता जेल नहीं जाएगा, और साथियों हमने क्या किया. कभी दो बार कर्पूरी ठाकुर जी को मुख्यमंत्री बनाया. 1964 हो, 1977 हो. कर्पूरी ठाकुर जी को बिहार के गद्दी पर बैठाया. लालू प्रसाद का भी तो 127 एम0एल0ए0 जीतकर आई थी. जनता दल. और 39 विधायकों का समर्थन भाजपा ने दिया. तब लालू प्रसाद को हल्दी लगा. नहीं तो लालू जी मुख्यमंत्री नहीं बने होते. कुछ राजद के लोग मिलते होंगे. तो उनसे पूछिएगा. अगर बीजेपी नहीं होता. तो लालू जी नहीं होते. वो भी भाजपा के साथ नहीं गए. नीतीश कुमार जी.

माननीय सुशील कुमार जी उस समय माननीय विधायक के तौर पर जीत कर आए थे 2000 में, और आदरणीय नीतीश कुमार को मात्र 34 एम0एल0ए0 जीतकर आए थे, और 69 एम0एल0ए0 जीतकर भाजपा आई थी. पहली बार मुख्यमंत्री बनाया. फिर 2005 में मुख्यमंत्री बनाया. फिर 2010 में मुख्यमंत्री बनाया. फिर 2017 में मुख्यमंत्री बनाया, और 2020 में मुख्यमंत्री बनाया. जब फिर ई रिवर्स गाड़ी लगा, और ई 43 पर पहुंच गए. तब भी हमने मुख्यमंत्री बनाया. नीतीश कुमार जी भूल जाते हैं, और आजकल हमने कहा है, कि बिहार के मुख्यमंत्री मेमोरी लॉस हो गया. मेमोरी लॉस का मतलब समझे. एगो गजनी फिल्म आया था, और गजनी फिल्म में जो हीरो थे आमिर खान. उसकी याददाश्त भी दिन में चली जाती है. तो वो जाकर विरोधी खेमा में बैठ जाते है. अभी नीतीश कुमार का मेमोरी लॉस हो गया है. अभी कहेंगे, कल उनसे पूछा लोगों ने कि चंद्रयान पर चंद्रयान-3 जो है लैंड करने वाला है. नीतीश कुमार कह रहे हैं. कि ये क्या हो रहा है. अब बताइए बिहार का मुख्यमंत्री ऐसा आदमी को बने रहना चाहिए.

ज्ञात हो कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, सम्राट चौधरी ने जो मंच से संबोधित करते हुए कहा कि पूरे मगध के और प्रदेश के नेता भारतीय जनता पार्टी के कुछ दिन पहले अभी ज्वाइन किए हैं, और लगातार अति पिछड़ा समाज की आवाज उठाने वाले प्रमोद कुमार चंद्रवंशी जी हैं. इन्हीं प्रमोद चंद्रवंशी को सन् 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओबरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व ओबरा थाना प्रभारी रह चुके सोम प्रकाश यादव ने चुनाव हराया था. उस वक्त के चुनाव में प्रमोद कुमार चंद्रवंशी जदयू के सीट पर ओबरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, और शुरू से प्रमोद कुमार चंद्रवंशी जनता दल यूनाइटेड के ही नेता रहे थे. जिन्हें पूरे मगध प्रमंडल एवं बिहार प्रदेश की जनता भी जानती है, तथा सन 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जब प्रमोद कुमार चंद्रवंशी जनता दल यूनाइटेड के सीट पर चुनाव लड़े थे. तब मतगणना के दिन सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज कैंपस के बाहर इनके कार्यकर्ताओं ने चुनाव जीतने की खुशी में बड़े-बड़े माला भी पहनाने के लिए मंगवा लिए थे, कि अब तो हमारे जदयू नेता प्रमोद कुमार चंद्रवंशी ही ओबरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बन गये. लेकिन जब ओबरा के पूर्व थाना प्रभारी रह चुके व ओबरा विधानसभा क्षेत्र से ही निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनाव मैदान में उतरे सोम प्रकाश यादव के समर्थक मतगणना केंद्र के बाहर नारे लगाने लगे थे, कि पुलिस प्रशासन जिंदाबाद. हमारे प्रत्याशी का मतगणना निष्पक्ष होनी चाहिए. तब जाकर पुलिस प्रशासन/ जिला प्रशासन ने भी मिलकर निष्पक्ष मतगणना कराया था. तब अंततः ओबरा के पूर्व थाना प्रभारी रह चुके व निर्दलीय प्रत्याशी, सोम प्रकाश यादव को ही प्रशासन ने विजयी घोषित किया था, और पूर्व जदयू प्रत्याशी तथा वर्तमान भाजपा नेता प्रमोद कुमार चंद्रवंशी के लिए उत्साहित कार्यकर्ताओं द्वारा शहर से मंगवाया गया बड़ा माला घरा का धरा ही रह गया था. जिसके कारण उस वक्त ओबरा विधानसभा क्षेत्र के जदयू प्रत्याशी व समर्थक भी निराश होकर मतगणना केंद्र से अपने-अपने घर वापस लौट गए थे. जो उस वक्त पूरे जिला में चर्चा का भी विषय बन गया था.

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, सम्राट चौधरी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि इसी लिए मेरा कहना है कि यदि बिहार की यदि उन्नति चाहते हैं. बिहार को यदि विकास की ओर ले जाना चाहते हैं, तो अईसे नीतीश कुमार जैसे बिहार के मुख्यमंत्री जो पलटु कुमार है. उसको एक घंटा में बिहार के मुख्यमंत्री पद से हटाने का संकल्प लेना होगा. साथी यह स्पष्ट है. भाजपा कभी सरकार नहीं बनाई. दूसरे को कृपा करते रही, और एकदम जनता में बताइए. मंडल अध्यक्ष हमारे यहां होते हैं ना. कोई है यहां मंडल अध्यक्ष मंच पे. अए. तब हाल से आवाज आई हां. तब प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीचे है. तो एगो खड़ा हो जाइए. क्या नाम है बताइए तो. तब हाल से आवाज आई हां.

तब प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अए दिनेश कुमार वर्मा जी. इनको भी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाएंगे ना. तब ई नीतीश कुमार से अच्छा मुख्यमंत्री होंगे. समझ जाने का चीज है क्या. एक चीज समझ लीजिए भारतीय जनता पार्टी की जो संस्कृति है. जब भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर कोई काम करता है. उसको प्रखंड में हम जो मंडल कहते हैं. शक्ति केंद्र में हम काम करते हैं. हम पटल पर काम करते हैं. हम ब्लॉक में काम करते हैं, और जो हमारा बूथ है. बूथ पर हम प्रमुख बनाने का काम करते हैं, और जितना हम काम मंडल अध्यक्ष को देते हैं साथियों.हम जितना काम जिलाध्यक्ष जी को देते हैं. जिलाध्यक्ष जी सब मंडल अध्यक्ष को देते हैं, और सही समय पर इतना यदि पढ़े - लिखे होते, तो हम गारंटी देते हैं ई सब डिप्टी कलेक्टर हो गए होते. क्या मंडल अध्यक्ष जी लोग सही बोल रहे हैं. कि गलत बोल रहे हैं. तब हाल से आवाज आई सही बोल रहे हैं.

तब प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तो देखिए साथियों ये भाजपा है, और भाजपा कमिटमेंट के साथ बढ़ती है, और आज देखिए बिहार की क्या स्थिति है. आप चले जाइए दरभंगा. दलित समाज का परिवार जिसको दाह संस्कार करने का काम नहीं करने दिया जाएगा. और वहां तुष्टिकरण का काम किया जाएगा. दलित बहन को बेगूसराय में दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का काम किया गया है, और पूरे बिहार में क्या राज है. बालू माफियाओं का. शराब माफियाओं का और जमीन माफिया का. और यदि बिहार को ठीक करना चाहते हैं. क्योंकि उत्तर प्रदेश की स्थिति को आपने देखा. जहां अपराधी तांडव करते थे. आज किस-किस बिल में घुसे हैं. आपको खुद पता चल रहा होगा. आप मध्य प्रदेश चले जाइए साथियों. गुजरात चले जाइए. जहां हमारी की सरकार है.

भाजपा की सरकार का मतलब है, गारंटेड सुशासन, और बिहार में भाजपा की सरकार बनाना है. भाजपा की सरकार बनाओ. बिहार में एक भी अपराधी बिहार नहीं दिखेगा, या तो नेपाल की तराई में होगा. नहीं तो जमीन के अंदर उसको दफन कर दिया जाएगा. अपराध के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है, और हमारी बहनों को नीतीश कुमार देखते हैं. कहते हैं अरे हमने तो शराब बंदी कर दिया. कब बंद किया. शराब बंद हो गया. तब हाल से जोरदार आवाज आई नहीं. तब प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पहले मिलता था शराब का बोतल 300 रुपया में. आज कल कितने में मिल रहा है. तब हाल से आवाज आई 1,200 रुपया में. तब प्रदेश अध्यक्ष ने कहा अए. सबको पता है, सबको पता है. इसका मतलब है. शराब घर-घर बिक रहा है साथियों. और लोगों को बताइए.

जब 2005 में पहली बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. तो मात्र 987 शराब की दुकानें थी साथियों. और जब नीतीश कुमार ने शराब बंदी की घोषणा की. तो इस बिहार में 11,000 से अधिक शराब की दुकानें थी. पहले ब्लॉक में शराब बिकता था. अनुमंडल में बिकता था. नीतीश कुमार ने पंचायत में लाने का काम किया. तो पहले पंचायत में लाया. तो 10,000 शराब का दुकान हो गया. और आज कल अदृश्य शराब का दुकान है. जब फोन लगाइएगा कि हमको होम डिलीवरी चाहिए. तो आपको एक मिनट में होम डिलीवरी दे देगा. यही है असली शराब बंदी. नीतीश कुमार के राज में अदृश्य शराब का दुकान है. 60,000 करोड़ रुपया आज यदि सरकार के रेवेन्यू लेती रहती साथियों, तो बिहार में 60,000 रुपया होता. आज सोचिए बिहार का बजट है 2 लाख 61 हजार करोड़ रूपया. बिहार में 3 लाख करोड़ रूपया खर्च होता है, और उसमें भी 02 लाख 61 हजार करोड़ में बतीसे हजार रुपया बिहार का है.

नीतीश कुमार बालू माफिया शराब माफिया ये सब जो टैक्स देते हैं. इसे मात्र बत्तीसे हजार करोड़ रूपया आता है, और रेस्ट जो 02 लाख 29 हजार करोड़ रूपया है. आपके गांव का गली, सड़क, पानी व्यवस्था करने का काम वो नरेंद्र मोदी जी करते हैं. कोई दूसरा नहीं करता हैं साथियों, और हम देते हैं टैक्स. चाहे वो जी0एस0टी0 के माध्यम से, इनकम टैक्स के माध्यम से. नरेंद्र मोदी जी ने ऐसा व्यवस्था खड़ा किया साथियों. कोई चोरी नहीं कर सकता हैं. हम भारत को श्रेष्ठ बनाना चाहते हैं. आज नरेंद्र मोदी दुनिया में जब जाते हैं साथियों. कोरोना जैसी महामारी में चाईना डुब गया. अमेरिका डुब गया, और भारत उग गया. कहता था ना भाई. भारत उग गया. हम दुनिया में श्रेष्ठ बन गये. हम पिछले तीन वर्षों से पूरे भारत के गरीब लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं. विकास के मामले में हम कहां थे. हम 11वे स्थान पर थे साथियों. लेकिन आज भारत पूरी तरह हिंदुस्तान में इतनी आर्थिक स्थिति को ठीक किया है.

नरेंद्र मोदी की सरकार ने कि हम पांचवी स्थान पर आ गए हैं, और इस बार मैं कहता हूं कि औरंगाबाद और औरंगाबाद के दोनों लोकसभा सीट और बिहार की चालीसों सीट जिताइए. हम गारंटी देते हैं, कि ये पांचवें स्थान से तीसरे स्थान पर ले जाने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार करेगी. वो कहते थे ये देश सोने की चिड़िया है. कभी मुगल राज ने लूटा. उसके बाद भी हमने उनसे मोहब्बत किया. कभी अंग्रेज आए. उसने भी इस देश को लूटा. उसके बाद भी हमने मोहब्बत किया. लेकिन साथियों अब देश के तीन तरह की विचारधारा चल रही है. एक है भारत तोड़ने का विचारधारा ब्रेकिंग इंडिया, और दूसरे तरफ चल रहा है भारत जोड़ने का नाता. भारत तोड़ने वाले हैं. वही लोग कर रहे हैं. लेकिन नरेंद्र मोदी कहते हैं. हम मेकिंग इंडिया हैं. हम भारत को श्रेष्ठ बनाएंगे, और तीसरी काम है लुकिंग इंडिया. लुकिंग इंडिया का मतलब है. खाली देखते रहना है. मोदी जी अच्छा कर रहे हैं. खराब कर रहे हैं, बोलना है. ये नहीं कहना है साथियों. हम बुरे लोगों को कहें, कि अब देश में नरेंद्र मोदी की सरकार मेकिंग इंडिया के तर्ज पर सोने का शेर बनाना चाहते हैं. जो दुनिया में दहाड़ने का काम कर सके. अब लूटने नहीं देना है. उसी तरह बिहार है. गौरवशाली इतिहास का. यही मगध का और ये मगध आज के भारत का तीन गुना भारत बड़ा था. कहां हम अफगानिस्तान तक राज करते थे. ईरान में राज करते थे. पाकिस्तान में राज करते थे. लंका हमारा था. वर्मा हमारा था, और तीन गुना भारत पर हम राज करते थे. आज एक तिहाई भारत पर राज कर रहे हैं.

हमको सोचना पड़ेगा कि बिहार को कैसे श्रेष्ठ बनाएं. सबसे बड़ा पढ़ा - लिखा कौन है. सबसे ज्यादे आई0ए0एस0, आई0पी0एस0 कौन होता है. तब हाल के भीड़ से आवाजें आई बिहारी. तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तो सब बिहारी है. तो सबसे ज्यादा बुद्धि किसको है. तब पुनः भीड़ से आवाज है आई बिहार को. तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तो बुद्धि हमको और दूसरा आदमी कमाएगा. दुनिया में मजदूरी हम करते हैं. और सबसे ज्यादे फर्स्ट क्लास का नौकरी भी हम ही देते हैं. लेकिन साथियों अब ऐसा बिहार बनाना है. जो ई नीतीश कुमार बार-बार चिपकी लगाकर मुख्यमंत्री बन जाता है ना. नहीं देखते हैं.

1994 में समता पार्टी बना. मैं तो इसका गवाह हूं. मैं जेल गया हूं. 1995 में मेरी राजनीति की उत्पत्ति भी यही है. मैं तो राजनीति में कभी आता की नहीं. ये पता नहीं था. लेकिन मैं समता पार्टी बना. इसलिए मेरे को जेल जाना पड़ा. लालू यादव ने जेल भेजा. तीन महीने तक जेल में रहा. हजारों लाठियां शरीर पर पड़ी. हमारे परिवार के 22 लोग जेल में रहे. हम वो दिन भी याद रखते हैं. नीतीश कुमार जी आपके लिए हजारों लाठी ला सकते हैं. अब हम लोगों ने संकल्प लिया है कि ये मुरेठा मजदूरी का प्रतीक है. ये पगड़ी नहीं है. ये मजदूरी का प्रतीक है. मुरेठा है. उसी दिन खुलेगा.

जब मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार को पद से हटावेगा. इसलिए साथियों स्पष्ट है. एक तरफ स्पष्ट है बिहार में सुशासन स्थापित करना है, और बिहार में एयरपोर्ट. कहता है कि बिहार में एयरपोर्ट नहीं बन सकता है. जमीन नहीं है. अरे दूसरी धन के चक्कर में एयरपोर्ट नहीं बना रहे हो. गया के एयरपोर्ट का रनवे बड़ा करना है. बिहटा का रेलवे एयरपोर्ट बड़ा करना है. और पटना के एयरपोर्ट रनवे को बड़ा करना है. जब तक बड़ा नहीं होगा. ई तो हवाई चप्पल वाला है. कैसे प्लेन में चढ़ेगा. बड़का प्लेन आवेगा. तब ना सस्ता टिकट होगा.

नीतीश कुमार कहते हैं कि एयरपोर्ट बनाने के लिए जमीन नहीं है. एम्स बनाने के लिए जमीन नहीं है. हाईवे बनाने के लिए जमीन नहीं है. अरे तब काहेला मुख्यमंत्री है. घर जाके कल्याण बिगहा में आराम कीजिए ना. काहे दिमाग खराब किए हैं. और हम लोगों ने तो साफ तौर पर कहा मैंने ही बिहटा का एयरपोर्ट किया था साथियों. बिहटा का एयरपोर्ट का समझौता आज से नौ साल पहले किया. हमको दुःख होता है. पीड़ा जब उस रास्ते से गुजरता हूं. लगता है जिस कार्य को 10 साल पहले किया हूं. वह आज तक पूरा नहीं हुआ है. तब आप सोचिए साथियों. वो कहते थे कि राजगीर में हमको बनाना है. और भारत सरकार ने कहा कि आप बिहटा बनाओ. और बिहटा के साथ-साथ राजगीर भी बनाओ. लेकिन मैं इससे बढ़कर कहता हूं साथियों. जिस तरह से नरेंद्र मोदी की सरकार आज सच्चीदा बाबा को उपलब्ध करा दिया. यदि नीतीश कुमार जी को हिम्मत है. तो अपने गांव कल्याण बिगहा में जमीन उपलब्ध कराईए. वहां भी भारत सरकार से एयरपोर्ट बनवाने का काम करेंगे साथियों.