उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में केंद्र सरकार की ओर से अड़चनें हुई दूर : सांसद

उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में केंद्र सरकार की ओर से अब सारी अड़चनें हुई दूर - सांसद (1,836 करोड़ रूपये की कल स्वीकृति दे दी है केंद्र सरकार ने)

उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में केंद्र सरकार की ओर से अड़चनें हुई दूर : सांसद
press conference on North Coal Canal Project

औरंगाबाद: (बिहार) जिला मुख्यालय स्थित अपने आवास पर गुरुवार दिनांक - 05 अक्टूबर 2023 को औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने किसानों के लिए अति महत्वपूर्ण उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की. जिसमें मौके पर उपस्थित पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि सन् 1975 से लटकी हुई अति महत्वपूर्ण उत्तर कोयल नहर परियोजना की सारी अड़चनें कल केंद्र सरकार ने दूर कर दी है, और परियोजना पूर्ण करने हेतु 1,836 करोड रुपये की मंजूरी भी दे दी है.

सांसद में जानकारी देते हुए बताया कि सन 1975 में मात्र इस परियोजना की लागत 80 करोड़ रुपया ही था. फिर इस परियोजना की लागत 1,622 करोड़ रूपया हुआ. इसके बाद बाद इसी परियोजना की लागत 3,022 करोड रुपया तक पहुंच गया. ये सब केंद्र की पिछली सरकारे व बिहार - झारखंड दोनों राज्य सरकारों की उदासीनता के कारण ही हुआ. इस अति महत्वपूर्ण उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में यू0पी0ए0 की सरकार भी कम दोषी नहीं है, क्योंकि जब मैं इसी अति महत्वपूर्ण उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री, माननीय मनमोहन सिंह से भी कई बार मिलकर कहा था.

तब उन्होंने भी मुझे एक बार मौखिक तौर पर भी कहा था, कि मैं अपने परियोजना के लिए तो कब से लगा हुआ हूं. वह तो परियोजना पूरा हो ही नहीं रहा है, तो मैं आपके अति महत्वपूर्ण उत्तर कोयल नहर परियोजना के बारे में में क्या कहूं. इसके अलावे मुझे तत्कालीन प्रधानमंत्री, माननीय मनमोहन सिंह जी का सन 2013 में मेरे पत्रों का जवाब जो उनके तरफ से आया. वो भी बहुत नाकारात्मक था. उसमें ये लिखा गया था कि संवैधानिक अड़चन है, और ये नहीं किया जा सकता है. मेरी बातों का सार ये है, कि जब इस पर प्रतिबंध लगा. तब उस वक्त 2007 में मैं यहां का सांसद नहीं था. जब मैं संसद बना, प्रयास शुरू किया.

तब उस वक्त भी केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, और एक बहुत ही नेगेटिव लेटर मुझको जवाब के रूप में मिला. जो मैं आज आप लोगों के समक्ष वही पत्र भी दिख रहा हूं. जो मुझे जवाब दिया गया था. लेकिन मैंने भी कभी अपना हार नहीं माना, और लगातार प्रयास करता रहा. जिसमें माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय जल संसाधन मंत्री माननीय गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मुझे इस अति महत्वपूर्ण परियोजना मामले में काफी सहयोग किया. इसी का फल है कि आज इस अति महत्वपूर्ण परियोजना मामले में केंद्र सरकार की ओर से सारी अड़चनें भी दूर हो गई है. अब सिर्फ इस अति महत्वपूर्ण उत्तर कोयल नहर परियोजना को पूरा कराने में दोनों राज्य सरकारों की जिम्मेवारी है, क्योंकि ला एंड ऑर्डर मामले में राज्य सरकार की ही जिम्मेवारी बनती है, और परियोजना में काम करने वाली एजेंसी की भी जिम्मेवारी बनती है.

प्रेस वार्ता के दौरान औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद ने विपक्षी को भी बधाई देते हुए कहा है कि मुझे जो कभी कभी उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में कटु आलोचना सहना पड़ता था, तो मुझे ऐसा लगता था कि यह काम मुझे छोड़ देना चाहिए. लेकिन मैं भी महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी के मार्गों पर चलते हुए सोचा कि नहीं वे भी जब मोक्ष धाम वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बनाने के उद्देश्य से निकले थे. तब उन्हें भी नेक कार्य के लिए हैदराबाद में निजाम के यहां अपमानित होना पड़ा था. उसको उन्होंने सहा. तभी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी का निर्माण संभव हुआ था. इसलिए मैं भी उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में कभी हार नहीं माना, और अनवरत प्रयास जारी रखा, तथा इसका श्रेय मैं अपने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की जनता को भी देता हूं, कि समय-समय पर जनता ने मुझे स्मरण कराया, और आज मुझे इस नेक काम में सफलता भी हासिल हुई.

इसके अलावे औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश का पहला मौका है. जिसमें एक ही जमीन का उत्तर कोयल नहर परियोजना मामले में दो-दो बार किसानों को मुआवजा राशि भुगतान करना पड़ा है, क्योंकि उनके पूर्वज जिस जमीन का उत्तर कोयल नहर मामले में जमीन अधिग्रहण का पैसा सरकार से काफी वर्ष पूर्व प्राप्त कर चुके थे. उसी जमीन पर उनके परिजन भी वर्तमान तक काबिज रहे, और उन लोगों का कहना था कि मैं नहीं जानता हूं, कि मेरा पूर्वज ने जमीन अधिग्रहण के मामले में पैसा ले लिया है. इसलिए मुझे जब पैसा मिलेगा. तभी हम लोग यहां से विस्थापित होंगे, अन्यथा नहीं. तब हमारे माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने उदारता दिखाते हुए कहा कि ठीक है. मैं जमीन का पैसा दूंगा. लेकिन मैं पहले आप लोगों को 50% राशि ही दूंगा और जब आप लोग यहां से विस्थापित हो जाएंगे. तब शेष बचा हुआ 50% राशि भी आपके बैंक खाते में भूगतान कर दूंगा. इसी शर्त पर केंद्र सरकार ने वहां के किसानों को मुआवजा राशि भुगतान करने का निर्णय लिया, और अब केंद्र सरकार की ओर से सारी समस्याएं खत्म हो गई है. सिर्फ दोनों राज्य सरकारों का विषय है, कि ला एंड ऑर्डर का अनुपालन कराते हुए एजेंसी से काम कितना जल्द पूरा कराती है, क्योंकि किसी भी राज्य में कानून व्यवस्था देखना राज्य सरकारों का दायित्व होता है. केन्द्र सरकार का नहीं.

अंत में भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर कोयल नहर परियोजना से जब किसानों के खेत में लाल पानी आ जाएगा. तब बिहार - झारखंड दोनों राज्य के कम से कम 25 लाख किसानों को इस लाल पानी से फायदा होगा. जिसमें खासकर औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के औरंगाबाद जिला एवं गया जिला को भी फायदा होगा.

-अजय कुमार पाण्डेय