भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, गोपाल शरण सिंह ने श्रद्धा पूर्वक मनाई अपने पिता की 5वी पुण्यतिथि, गरीबों के बीच भी बांटे कंबल व भोजन के पैकेट

प्रतिष्ठित व्यवसायी, गोपाल शरण सिंह ने सोमवार दिनांक - 04 दिसंबर 2023 को अपने पिता की पांचवीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई.

भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, गोपाल शरण सिंह ने श्रद्धा पूर्वक मनाई अपने पिता की 5वी पुण्यतिथि, गरीबों के बीच भी बांटे कंबल व भोजन के पैकेट

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य, समाजसेवी व औरंगाबाद शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी, गोपाल शरण सिंह ने सोमवार दिनांक - 04 दिसंबर 2023 को अपने पिता की पांचवीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई. जिसमें गणमान्य लोग भी उपस्थित हुए.

इसी कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व स्वर्गीय रामराज सिंह जी के पुत्र गोपाल शरण सिंह ने मौके पर उपस्थित पत्रकार बंधुओ को संबोधित करते हुए कहा कि पिताजी के पुण्यतिथि के अवसर पर हम ये कार्यक्रम का आयोजन प्रत्येक वर्ष करते हैं. जिसमें प्रत्येक वर्ष लगभग 5,000 से 7,000 गरीबों के बीच कंबल वितरण करके भोजन भी कराते हैं. ताकि उन्हें भी आत्मा की शांति मिले. धार्मिक कार्यों के लिए भी हम अपना व्यवसाय के प्राप्त आय में से हमेशा कुछ परसेंटेज निकाल कर अलग रख देते हैं. जिससे कोई परेशानी भी ना हो. इसके बाद उपस्थित पत्रकार बंधुओ को संबोधित करते हुए कहा कि मैं औरंगाबाद और गया दोनों जगहों पर कार्यक्रम करता हूं.

पहले नवादा में भी होता था. लेकिन कोरोनाकाल के बाद नवादा में बंद कर दिया गया है. अभी ये कार्यक्रम आज के दिन में औरंगाबाद और मां मंगला गौरी का जो मंदिर है गया में. वहां पर भी चलता है. वहां भी गरीबों का भोजन और कंबल वितरण कार्यक्रम चलता है. ये कार्यक्रम हम लोग गरीबों के बीच एक महीना तक कंबल वितरण का करते हैं. पिताजी एवं माताजी का मूर्ति स्थापना भी अगले वर्ष हम लोग यहां कर देंगे, और अगले साल से विधिवत बड़े रूप में उनका पुण्यतिथि का आयोजन भी करेंगे, और ईश्वर से कामना करेंगे, कि हमारे पिताजी को भगवान आत्मा की शांति दे.

तब उपस्थित पत्रकारों की टीम ने सवाल पूछा कि क्या अगले वर्ष से किसी बच्चों को गोद लेने या पढ़ाई के रूप में भी मदद करने का प्लान है क्या? तब पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप सबों की भी इच्छा होगी. तब उस विषय पर भी चर्चा किया जाएगा. लेकिन अभी हम लोग देव में धर्मशाला निर्माण के कार्य में चल रहे हैं. वहां एक बिगहा हम लोग जमीन खरीदे हैं. पहला कोशिश है, कि अपना बजट उधर डाइवर्ट करके धार्मिक बजट मेरा निकलता है. जो भी मै अर्निंग करता हूं. उसमें से परसेंटेज बजट मेरा आता है, और उस बजट से हम लोग मुंडेश्वरी में धर्मशाला का निर्माण कराए, और देव में भी कोशिश है, कि मां मुंडेश्वरी धर्मशाला यहां भी करा दें, तो फंड उधर हो रहा है. लेकिन आप सबकी भी इच्छा उस तरह की होगी, तो निश्चित पिताजी के नाम पर वो कार्यक्रम का रूप दिया जाएगा.

तब संवाददाता ने भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य, गोपाल शरण सिंह से सवाल पूछा, कि अपने पूर्वजों के नाम पर प्रत्येक वर्ष पुण्यतिथि मनाते हैं. इसलिए आज आप इस पुण्यतिथि के माध्यम से आम जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे? तब पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि माता - पिता ही ईश्वर स्वरुप होते हैं, और मैं सभी को कहना चाहुंगा, कि पिताजी का, माताजी का पुण्यतिथि मनाएं. उनको याद करें. जिस तरह से देवी - देवता का मैं पूजा करता हूं. उसी तरह से माता - पिता का भी पूजा करना चाहिए. मैं अपने सारे भाईयों बंधुओं से यही कहुंगा, कि माता - पिता को कभी नहीं भूले. उनके अगर जीवित हैं, तो उनका सबसे पहला धर्म उनका सेवा करना रखें. उनकी सेवा करें. उनके बाद ही साक्षात देवी या देवता माता - पिता होते हैं. माता पिता हैं. बाकी तो भगवान हमारे सनातन धर्म के हैं, तो 33,000 देवी - देवता है. लेकिन साक्षात सर्वप्रथम देवी या देवता माता - पिता ही हैं. उनको किसी तरह के जीवित हो, तो कष्ट ना हो. सबसे पहला ये कोशिश करें, और नहीं भी हैं, तो उनको एक दिन साल में याद करके कम से कम आंसू तो बहा लीजिए. ताकि उनके आत्मा को शांति मिले. वहीं इस अवसर पर उपस्थित औरंगाबाद जिला के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष, रामानुज पाण्डेय ने भी मंच से संबोधित करते हुए कहा कि मृत्यु शरीर की होती है. आत्मा की नहीं होती है.

इसके बाद अपने संबोधन में ही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, रामानुज पाण्डेय ने कहा कि एक कहावत है, कि बाढ़ें पुत्र पिता के धरमे, खेती उपजे अपना करमे. इसलिए किसी भी व्यक्ति को यह अवश्य समझना चाहिए, कि गुरु से हम सब लोग किताबी ज्ञान हासिल करते हैं. लेकिन जन्म देने वाले पिता ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों के सम्मान होते हैं. जीवन भर चलने की प्रेरणा पिता ही देते हैं. जिस दिन पिता के नाम पर पुत्र का नाम रौशन होता है. उस दिन पुत्र को अपने पिता का ऋण अदा होता है. इसीलिए गोपाल शरण बाबू भी अपने पिता का ऋणी समझ कर प्रत्येक वर्ष पुण्यतिथि मनाते हैं. प्रत्येक वर्ष गरीबों को कंबल भी दान देते हैं, एवं भोजन भी कराते हैं.

इसके बाद पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ने संबोधित करते हुए कहा कि मेरे कहने पर ही गोपाल शरण सिंह ने पृथ्वीराज चौहान जी की भी मूर्ति स्थापित कराने हेतु दान दे दिया था. इन्होंने चंद्र वरदायी का मूर्ति लगाया है, तो हम सभी लोग श्रद्धा से सर झुकाते हैं. त्याग, तर्पण एवं समर्पण से ही इन्होंने मूर्ति लगवाया. किसी भी बड़े व्यक्ति का बैंक बैलेंस, सोना, चांदी कोई नहीं देखता है. सब यहीं धरा का धरा रह जाएगा. लेकिन समाज, राष्ट्र, धर्म, गरीबों के लिए जो लोगों ने काम किया.

वही सदैव याद किया जाता है. आज इनके पिता अदृश्य रूप से उपस्थित हैं. इसलिए इसकी प्रेरणा हम सभी लोगों को भी अवश्य लेनी चाहिए. अंत में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष, रामानुज पाण्डेय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्ति का मै श्रद्धा पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन करता हूं. जिन्होंने अपने जीवन काल में हमेशा उच्च विचार रखते हुए गरीबों को भी मदद किया, और आज स्वर्गीय राम राज बाबू के पुत्र गोपाल शरण सिंह भी अपने पिता की राह पर ही चलते हुए समाज सेवा के साथ-साथ हमेशा धार्मिक कार्य कर रहे हैं. यही वजह है कि आज स्वर्गीय रामराज बाबू के पुत्र गोपाल शरण सिंह भी लगातार कई स्थानों पर अपना व्यवसाय में सफलता हासिल कर रहे हैं.