होम्योपैथिक डॉक्टरों को पैरामेडिक्स की श्रेणी में आवेदन मांगने पर डॉक्टरों में गहन गुस्सा

होम्योपैथिक डॉक्टरों को पैरामेडिक्स की श्रेणी में आवेदन मांगने पर डॉक्टरों में गहन गुस्सा

होम्योपैथिक डॉक्टरों को पैरामेडिक्स की श्रेणी में आवेदन मांगने पर डॉक्टरों में गहन गुस्सा

होम्योपैथिक डॉक्टर्स पैरामेडिक्स नहीं होते अपितु पुरण डाक्टर होते हैं-डॉ ए के गुप्ता

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा द्वारा चिकित्सकों की भर्ती के विज्ञापन में होम्योपैथिक के चिकित्सकों को पैरामेडिक कहे जाने पर और केवल एमबीबीएस डॉक्टरों को ही डॉक्टर माने पर और होम्योपैथिक डॉक्टरों में बहुत रोष है इस बात को लेकर होम्योपैथिकडा एके गुप्ता, अध्यक्ष मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष -डॉ ए के गुप्ता ने इस बात को बहुत गंभीरता से लिया और कहां की यह बहुत ही शर्मनाक है की आयुष के डॉक्टरों को जबकि सरकार में बराबर का दर्जा दिया है तो ऐसे भेदभाव अच्छा नहीं है और इस बात से डॉक्टरों में बहुत रोष है डॉ गुप्ता ने यह भी कहा कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को तुरंत यह विज्ञापन वापिस लेकर नए रूप में छापना चाहिए जिसमें होम्योपैथिक के डॉक्टरों को डॉक्टर के रूप में ही आवेदन मांगा जाए ना कि पैरामेडिक्स की कैटेगरी में डॉ गुप्ता ने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो हमें मजबूरन कानून की सहायता लेनी पड़ेगी और जिसका खामियाजा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को भुगतना पड़ेगा।

डा एके गुप्ता

अध्यक्ष होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया दिल्ली स्टेट ब्रांच