गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज हादसे में 141 लोगों की मौत | जाने हादसा क्यूं हुआ?

गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज हादसे में 141 लोगों की मौत | जाने हादसा क्यूं हुआ?

केबल ब्रिज का टूटने के पीछे प्रशासन की लापरवाही या कुछ और?

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने अंग्रजों के जमाने का केबल ब्रिज के अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए हैं. मोरबी हादसे में अभी तक 141 लोगों की मौत हो गई है, वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक हादसे में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि मरने वालों में 40 बच्चे शामिल हैं. जबकि इस हादसे में अब तक 177 लोगों को बचाया गया है. जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस समय करीब चार सौ लोग पुल पर थे। 

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि मच्छु नदी पर स्थित करीब एक सदी पुराना यह केबल पुल आज रविवार दिनांक 30 अक्टूबर 2022 शाम 6:30 बजे टूट गया. अधिकारियों ने बताया कि पुल की मरम्मत के बाद इसे 26 अक्टूबर को लोगों के लिए फिर से खोला गया था.

जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय गुजरात के ही रहने वाले अमित पटेल और सुकराम वहीं मौजूद थे। उन्होंने पूरी घटना को बयां किया। चश्मदीद अमित पटेल और सुकरम ने कहा कि एक पर्यटक के लिए झूलता हुआ पुल अनुकूल जगह है। पुल पर भारी भीड़ के कारण यह घटना हुई होगी। उन्होंने कहा कि चूंकि ये पुल काफी ज्यादा पुराना है। वहीं, इस बीच दीवाली की छुट्टियां चल रही हैं और आज रविवार भी था ऐसे में लोग बड़ी संख्या में मस्ती करने के लिए पुर पर मौजूद थे। पुराना होने के कारण पुल लोगों का बोझ वहन नहीं कर सका और टूट गया। अमित पटेल और सुकरम ने आगे बताया कि जब यह घटना हुई तो लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। अचानक हुए इस हादसे में कई लोग सीधे नदी में जा गिरे तो वहीं कई पुल के केबल को पकड़कर लटकते भी देखे गए। 

अंत में हम यह कहेंगे कि यह हादसा टाला जा सकता था लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हो गया जिसमें अब तक सूत्रों के अनुसार 141 लोगों की मौत हो गई है. सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन को मालूम था कि यह पुल अंग्रेजों के वक्त का बहुत पुराना पुल है, कमज़ोर है तो क्यों इसे ठीक दिवाली पर क्यूं खोला, अगर खोला भी था तो क्यूं इतनी बड़ी संख्या में लोगों को क्यूं पुल पर जमा होने दिया? प्रशासन की लापरवाही पर सवाल है और यह जांच का विषय है. केंद्र और गुजरात सरकार इस हादसे की दोषी है अगर जिम्मेदारी समझें तो.

-इस्माटाइम्स न्यूज़ डेस्क