बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन तोड़ने में कौन दोषी

लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के प्रदेश - सचिव व रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी ने बिहार में मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन के साथ मिलकर बनाई गई नई सरकार पर साधा निशाना व भाजपा को भी माना सबसे बड़ा दोषी

बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन तोड़ने में कौन दोषी

अजय कुमार पाण्डेय :

औरंगाबाद: ( बिहार ) लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) के प्रदेश - सचिव व रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व लोजपा प्रत्याशी, मनोज कुमार सिंह से जब संवाददाता की मुलाकात हुई, तो उन्होंने बातचीत के क्रम में ही मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार द्वारा बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर बनाई गई नई सरकार पर निशाना साधा. लेकिन इसमें सबसे बड़ा दोषी भारतीय जनता पार्टी को भी माना है. 

जब संवाददाता ने पूछा कि वर्तमान बिहार में माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ मिलकर जो नई सरकारे बनाई है. इस संबंध में आप क्या कहना चाहेंगे? तब जवाब देते हुए कहा कि यह बहुत बड़ा जनादेश का अपमान हुआ है. एक तरह से बिहार की जनता को बराबर ठगने का काम हुआ है, और इसमें हम तो समझते हैं कि सबसे बड़ा दोषी भारतीय जनता पार्टी है. इसमें ऐसे व्यक्ति पर पिछले 20 वर्षों से लगातार विश्वास कर रही है. जो हर समय भाजपा व उसके नेता, उसके नीति का खिलाफ कर दे रहा है. नीतीश जी का अगर इतिहास देखा जाए राजनीति में, तो ये हमेशा भारतीय जनता पार्टी के जो नीति और सिद्धांत है. उसके विपरीत रहते हैं. इनका विचार हमेशा जो है. उन लोगों के साथ मिलता है. जो देश विरोधी ताकत है. जो भ्रष्टाचार में लिप्त है, या वैसे लोग जिन पर राष्ट्रीयता का हमेशा अभाव रहता है, भावना में. इसलिए ये जो घटना घटी है. इस घटना से और लोग को तो, जो महसूस हो. लेकिन मुझे लगता है. हमें जो महसूस हुआ, कि ये होना ही था. चुकि हमारे नेता, चिराग पासवान जी पहले ही ये भविष्यवाणी कर दिए थे, कि सन् 2020 में पुनः इनको किसी तरह स्थापित किया गया. जबरदस्ती मुख्यमंत्री बनाने का काम किया गया. तीसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद भी. 

तब संवाददाता ने पूछा कि इस बार तो महागठबंधन की नई सरकार बनने के बाद पोस्टर जारी किया गया है कि नीतीश कुमार सबके हैं. तब जवाब देते हुए कहा कि ऐसा अब आप लोग खुद देख रहे हैं, समझ रहे हैं कि नीतीश कुमार किनके हैं. ये किसी के नहीं है. ये केवल बिहार की मुख्यमंत्री के कुर्सी के लिए है. इनको जनता से, और जनता की स्थिति से, जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है. हर 10वा दिन, हर 15वा दिन ‌ हमारे राज्य में लगता है कि केवल शराब पीने से 10, 20, 50 की संख्या में लगातार मौत हो रही है. शराब पीने से ऐसी मौतें हुई है, जिस मौत का कोई ब्यौरा नहीं आ रहा है. केस मुकदमा के डर से. अंत में जब पूछा कि क्या आपको लगता है कि इस बार जो बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बनी है. वह अपना कार्यकाल पूरा कर पायेंगी? तब जवाब देते हुए कहा कि अब इसमें भी संशय है. जो पिछले इनका रिकॉर्ड रहा है. उस रिकॉर्ड के अनुसार कुछ भी कहा नहीं जा सकता है, क्योंकि कल क्या होगा? सत्ता का जब संघर्ष शुरू होगा. तब क्या होगा. अभी तो शुरुआत है. देखिए आगे क्या होता है.