सिखों को 'सरसे' रास नहीं आते : जीके

सिखों को 'सरसे' रास नहीं आते : जीके
Sikhs do not like sarse

नई दिल्ली (नवंबर 18, 2023) : अंतरराष्ट्रीय ड्रग व्यापार में हिस्सेदारी के लिए दिल्ली कमेटी के संसाधनों और कर्मचारियों के कथित उपयोग के डीएसजीएमसी नेताओं पर लगें आरोपों पर राजनीति गर्मा गई है. शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई और जागो पार्टी ने संयुक्त रूप से आज गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर में "रोष सभा" का आयोजन किया. अकाली दल कार्यालय से प्याऊ तक दोनों दलों के नेताओं ने सतनाम-वाहिगुरु का जाप करते हुए मार्च किया. प्याऊ के पास मीडिया से बातचीत करते हुए जागो पार्टी के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने दिल्ली कमेटी के नेताओं पर करारी जुबानी हमला बोला.

जीके ने कहा कि सिखों को 'सरसे' पसंद नहीं है. गुरु काल में गुरु गोबिंद सिंह का परिवार 'सरसा नदी' पर बिछुड़ गया था. परिणामस्वरूप, चारों साहिबजादों और माता गुजरी जी का गुरु गोबिंद सिंह जी से कभी दुबारा मिलन नहीं हुआ था.वर्तमान समय में भी डेरा सिरसा प्रमुख ने गुरु गोबिंद सिंह जी का स्वांग रचकर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी और उसके बाद गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के तार भी उनके तथाकथित डेरे से जुड़ गए थे. लेकिन अब ताजा खुलासे में बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा पर गुरुद्वारा के संसाधनों और कर्मचारियों का इस्तेमाल कर कनाडा में बेनामी ड्रग कारोबार में हिस्सा डालने के आरोप लग रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के बेटे देविंदर तोमर और प्रबल तोमर के साथ मिलकर भारत से जॉर्जिया के रास्ते कनाडा में सिरसा द्वारा काला धन भेजने और निवेश करने तथा करवाने के कथित सबूतों को लेकर सिरसा-तोमर के पुराने मित्र जगमनदीप सिंह समरा ने नशीली दवाओं के काला कारोबार के हवाले से मीडिया में बवाल मचा रखा है. यह तथाकथित हमराज़ किश्तों में दिल्ली कमेटी और कर्मचारियों के बैंक खातों की कथित संलिप्तता को भी उजागर कर रहा है. इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि इस कथित धन हस्तांतरण की जांच आयकर विभाग और ईडी द्वारा की जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस जांच की निगरानी करें. चूँकि गुरु गोबिंद सिंह जी के घोड़े ने तम्बाकू के खेत से गुजरने से इनकार कर दिया था, पर इन कथित धार्मिक लोगों पर गांजा और भांग की खेती करने का आरोप लग रहा है.

इस मौके पर जागो के दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह खालसा, जागो नेता डॉ. परमिंदर पाल सिंह, बख्शीश सिंह, बाबू सिंह दुखिया, सुखमन सिंह साहनी, मनजीत सिंह आदि मौजूद थे.