साहित्य अकादमी के तत्वावधान में पुस्तक मेले में 'मशायरा' का आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत में मशहूर शायर मोईन शादाब ने अपने कलाम पढ़े. उनकी कविताओं पर लोगों ने जमकर तालियां बजाईं. सुई भी खो जाए तो दिल दुखता है, हमने तो तुम्हें प्यार में खोया था.

साहित्य अकादमी के तत्वावधान में पुस्तक मेले में 'मशायरा' का आयोजन
Mashaira organized in the book fair under the aegis of Sahitya Akademi

नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2023: साहित्य अकादमी के तत्वावधान में नई दिल्ली के रवीन्द्र भवन में आयोजित नौ दिवसीय पुस्तक मेले 'पिस्टकायन 2023' के तीसरे दिन आज साहित्यिक कार्यक्रम के अंतर्गत उर्दू मुशायरा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात उर्दू शायर श्री चंद्रभान ख्याल ने की. कवियों में खालिद महमूद, फारूक अर्गाली, आजम कोहली, मोइन शादाब और तहसीन मनूर शामिल थे.

अतिथियों का परिचय एवं स्वागत साहित्य अकादमी के हिंदी संपादक अनुपम तिवारी ने किया, जबकि निज़ामत का संचालन मोईन शादाब ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत में मशहूर शायर मोईन शादाब ने अपने कलाम पढ़े. उनकी कविताओं पर लोगों ने जमकर तालियां बजाईं. सुई भी खो जाए तो दिल दुखता है, हमने तो तुम्हें प्यार में खोया था.

तहसीन मनूर ने अपने अनोखे अंदाज में कविताएं पढ़ीं. अपनी कविता, दिल के धड़ीर है हैंगे, इसे दिल को कश्मीर बिना के देख जरा, में रोमांटिक अंदाज में उन्होंने मातृभूमि के प्यार और कश्मीर की खूबसूरती को मानव हृदय से जोड़ा.

मशहूर शायर आजम कोहली की कविता, वह जिसके आदेश पर सब कुछ हो रहा है, वह तेरा मट्ठा मेरा भगवान है, को खूब पसंद किया गया.

खालिद महमूद की कविता, कुशलता से जीने की कला अभी नहीं आई, सफर करने का अंदाज अभी नहीं आया. गजलों के अलावा महान शायर फारूक अरगाली ने हिंदी भाषा मदभरी उर्दू रस की खान,  एक हमारा गौरो है और एक हमारा शान कविता के साथ एक दोहा भी सुनाया.

प्रमुख कवि और संयोजक उर्दू सलाहकार बोर्ड साहित्य अकादमी श्री चंद्रभान ख्याल ने मुशायरे की अध्यक्षता की और अपनी कविताओं से सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनकी कविता, मेरे लिए आगे कोई रास्ता न था, मेरे पीछे, लेकिन सब लोग चले, खूब तालियां बटोरीं.

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे. मालूम हो कि साहित्य अकादमी एक दिसंबर से नौ दिसंबर तक रवीन्द्र भवन कंपाउंड, मंडी हाउस, नई दिल्ली में वार्षिक पुस्तक मेला 'पिस्टकायन 2023' का आयोजन कर रही है, जिसमें पचास से अधिक प्रकाशक भाग ले रहे हैं. यह मेला रोजाना सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक चल रहा है जिसमें किताबों पर विशेष छूट भी दी जा रही है.