जगतगुरु संत रामभद्राचार्य जी का रात्रि में रथ पहुंचा औरंगाबाद शहर, सांसद मौजुद

जिला मुख्यालय स्थित धर्मशाला मोड़ के समीप जगतगुरु संत रामभद्राचार्य जी का रथ पहुंचा.

जगतगुरु संत रामभद्राचार्य जी का रात्रि में रथ पहुंचा औरंगाबाद शहर, सांसद मौजुद
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अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद: (बिहार) आज मंगलवार की रात्रि लगभग 7.55 बजे जिला मुख्यालय स्थित धर्मशाला मोड़ के समीप जैसे ही जगतगुरु संत रामभद्राचार्य जी का रथ पहुंचा. वैसे ही पूरा शहर भी जय श्री राम के नारे से गूंज उठा, और शहर वासियों ने रथ पर सवार प्रभु श्री राम, माता सीता एवं प्रभु भक्त हनुमान की मूर्ति पर भी खूब फूलों की बारिश की. जिसमे औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह, भाजपा नेता व सांसद के बड़े भाई सुनील कुमार सिंह, भाजपा नेता उपेंद्र सिंह, बेरी पंचायत मुखिया प्रतिनिधि, प्रफुल सिंह, नगर पंचायत रफीगंज के पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी व भाजपा नगर अध्यक्ष, रफीगंज, संतोष साव, नगर परिषद् औरंगाबाद के पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी, अनिल कुमार उर्फ अनिल ओड़िया, लोजपा (रामविलास) के दलित प्रकोष्ठ औरंगाबाद जिलाध्यक्ष, जितेंद्र पासवान सहित काफी संख्या में शहर वासी भी मौजूद रहे.

ध्यातव्य हो कि इस रथ को औरंगाबाद में संध्या 5:00 बजे ही पहुंचना था, परंतु किसी कारण अपने निर्धारित समय पर ना पहुंचकर रात्रि लगभग 7:55 बजे पहुंची, और धर्मशाला चौक के पास मौके पर मौजूद औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद, सुशील कुमार सिंह ने उपस्थित लोगों के समक्ष बातचीत करते हुए कहा कि इन लोग चाहते थे, कि यह रथ मेन जी0टी0 रोड बाईपास से रमेश चौक होते हुए ही निकल जाए. बीचों बीच औरंगाबाद शहर में प्रवेश ना करे. तर्क था कि बड़ी गाड़ी है. शहर जाम हो जाएगा. तब मैंने कहा कि हमे स्कॉट नही चाहिए. आप अपना स्कॉर्ट ले जाइए. मेरा यहां का पब्लिक ही स्कॉट है, और आप लोग जो बड़ी गाड़ी के नाम पर शहर में प्रवेश करने से बच रहे हैं, तो आप लोग जान लीजिए कि औरंगाबाद शहर में ऐसी कोई बात नहीं है, क्योंकि यहां शहर से होकर ही रात्रि में काफी संख्या में बड़ी बसें सभी जगहों के लिए निकलती है. इसलिए यह रथ औरंगाबाद मेन बाजार होकर ही जाएगा. तभी यह रथ मेन शहर होकर जा रहा है.

अंत में औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद ने कहा कि यह सरकार की ही मंशा थी, कि रथ को पब्लिक के बीच पूरा सक्सेस ना होने दे. इसीलिए ऐसा प्लान बनाया जा रहा था, कि रथ बाईपास - रमेश चौक होते हुए ही बाहर से निकल जाए.