JNU की दीवारों पर लिखे 'भगवा जलेगा जैसे विवादित नारे...

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर विवादित स्लोगन का मामला सामने आया है. जेएनयू की दीवारों पर विवादित स्लोगन लिखे पाए गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP), प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और कश्मीर को लेकर विवादित स्लोगन लिखे पाए गए हैं.

JNU की दीवारों पर लिखे 'भगवा जलेगा जैसे विवादित नारे...
Controversial slogans like Saffron will burn written on JNU walls

New Delhi, 1st October, 2023: रविवार सुबह जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज की दीवारों पर कई विवादित स्लोगन लिखे पाए गए हैं. दीवारों पर 'भगवा जलेगा', 'फ्री कश्मीर' जैसे विवादित नारे लिखे पाए गए.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर विवादित स्लोगन का मामला सामने आया है. जेएनयू की दीवारों पर विवादित स्लोगन लिखे पाए गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP), प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और कश्मीर को लेकर विवादित स्लोगन लिखे पाए गए हैं. हालांकि ये स्लोगन किसने लिखे, इसके पीछे किसका हाथ है इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं है, इसकी जांच की जा रही है.

दरअसल, रविवार सुबह जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज की दीवारों पर कई विवादित स्लोगन लिखे पाए गए हैं. दीवारों पर 'भगवा जलेगा', 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' जैसे विवादित नारे लिखे पाए गए. नीली स्याही से लिखे गए नाम पर लाल स्याही पोती गई है.

जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज कैंपस में दीवार पर 'फ्री कश्मीर' और 'आईओके (भारत अधिकृत कश्मीर)' जैसे स्लोगन लिखे गए हैं. कई जगह फर्श पर भी नीले पेंट से ये स्लोगन लिखे गए हैं.

हालांकि, दीवारों पर भगवा, कश्मीर और मोदी पर स्लोगन किसने लिखे हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. प्रशासन की ओर से भी अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. फिलहाल इन दीवारों को साफ कराने और जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.

यह पहली बार नहीं है जब जेएनयू में दीवारों पर विवादित स्लोगन लिखे गए हैं. पिछले साल भी ऐसी ही घटना सामने आए थे. करीब एक साल जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर बनिया और ब्राह्मण विरोधी जाति सूचक नारे लिखे गए थे. 'ब्राह्मण बनिया भारत छोड़ो, ब्राह्मण बनिया हम आएंगे बदला लेंगे' जैसे नारे लिखे गए थे.

इसके अलावा जेएनयू के ही कुछ प्रोफेसर्स की नेम प्लेट पर काली स्याही पोती गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल हुई उस घटना के बाद जेएनयू प्रशासन ने एक जांच कमेटी का गठना किया था लेकिन इसके पीछे किन लोगों का हाथ था इसकी जानकारी सामने नहीं आई थी.

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Source : aajtak