क्या गाजा जंग में बाइडन और नेतन्याहू का अहंकार से बह रह है बेकसूरों का खून?

इजरायल का युद्ध और भड़कने के कारण अमेरिका और इजरायल का अहंकार है। आज पूरी दुनिया एक आग के गोले की तरह जल रहा है। पूरी दुनिया में अशांति, भय का माहौल है।

क्या गाजा जंग में बाइडन और नेतन्याहू का अहंकार से बह रह है बेकसूरों का खून?
roll of Biden and Netanyahu in the Gaza war

यह कैसा प्रतिशोध

प्रिय पाठको, यह पूरी दुनिया जानती है कि इजरायल को फिलिस्तीन वालों ने अपनी जमीन पर पनाह दी और आज जो हो रहा है वह उनकी गलती का खमियाजा है। इजरायल का प्रशासन फिलिस्तीन अवाम को 75 सालों से गुलाम बनाकर रखा हुआ है। यह गुलामी ऐसी है जहां किसी को यह पता नही कि कब किस परिवार पर इजरायल फौज कहर बनेगी या सताने के लिए उठा ले जाऐगी। यह माना जा रहा है कि हमास ने जो 7 अक्टूबर को किया वह फिलिस्तीन के लोगों का प्रतिशोध था जिसमें बहुत बेकसूर लोगों की जानें गई उसको अमेरिका, ब्रिटेन, कनाड़ा, और कुछ अन्य देशों ने आतंकवादी घटना बताया लेकिन दुनिया के बाकी देशों ने इसे 75 सालों के इजरायल के जुल्म का प्रतिशोध बताया।


अब 7 अक्टूबर के बाद इजरायल ने हवाई हमलों में पूरी गाजा पट़टी पर बमों से समशान बना दिया जिसमें लगभग 12254 से ज्यादा बेकसूर जाने चली गई है और 30 हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए है। जहां तक इजरायल के हालाज का सवाल है वहां भी लोग बहुत ही दहशत में है। और हजारों लोग इजरायल छोड़कर दूसरे देश चले गए है। इजरायल का युद्ध और भड़कने के कारण अमेरिका और इजरायल का अहंकार है। आज पूरी दुनिया एक आग के गोले की तरह जल रहा है। पूरी दुनिया में अशांति, भय का माहौल है।

बाइडन ने युक्रेन और इजरायल की जीत...

अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने युक्रेन और इजरायल की जीत के लिए सहयोग पर जोर दिया है। आज यूएन एजेंसियां नपुनसंग हो गई है। इजरायल हमास को मिटाने की जिद्द में बेगुनाह निहत्थे फिलिस्तीनीयों को मार रही है। उनके घर, इबादतगाह, अस्पताल, स्कूलों को मिट्टी में मिला दिया है। इजरायल ने यूएन की अपील को भी ठुकरा दिया। यही दादागिरी अगर किसी मुस्लिम राष्ट्र ने की होती तो जैसे अफगानिस्तान, इराक, लिबिया को रौंदा गया है वहीं हाल उस देश को उजाड़ दिया होता। मगर यहां इजरायल पर अमेरिका का हाथ है। 

अमेरिका और इजरायल की दादागिरी

अब दुनिया के देशों को सोचना होगा कि किस तरह अमेरिका और इजरायल की दादागिरी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है। इससे साफ हो गया है मानवता, शांति की बात करने वाले अमेरिका दोगला है। यूएन और अन्य मानव अधिकार एजेंसियां सब बेकार लाचार हो गई हैं। 

एक सवाल

इजरायल और अमेरिका ने जो किया है और जो कर रहा है क्या वह सही है? यह सवाल दुनिया में शांति स्थापित करने वाले लोगों से है।

-Mohammad Ismail, Editor