पर्यावरण दिवस पर पारा विधिक स्वयं सेवकों के बीच पौधों का वितरण

पर्यावरण दिवस पर पारा विधिक स्वयं सेवकों के बीच पौधों का वितरण

पौधारोपन संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व - जिला एवं सत्र - न्यायाधीश

अजय कुमार पाण्डेय:

औरंगाबाद : ( बिहार ) विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा वन विभाग के सहयोग से वृहत एवं सघन वृक्षारोपन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है! इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार अन्तर्गत प्रतिनियुक्त सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों के माध्यम से अपने - अपने अंचल प्रखण्ड तथा अन्यत्र स्थलो पर वृक्षारोपन कार्यक्रम करने हेतु वन विभाग से काफी मात्रा में फलदार एवं हवादार पौधों को उपलब्ध कराया गया है, जिसका वितरण माननीय, जिला एवं सत्र - न्यायाधीश औरंगाबाद ,मनोज कुमार तिवारी द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रांगण में किया गया। पौधा वितरण कार्यक्रम में जिला एवं सत्र - न्यायाधीश सह प्राधिकार अध्यक्ष, मनोज कुमार तिवारी द्वारा कहा गया कि आप 10 - 10 पौधे खुद लगायें, और अपने आस - पास के लोगों को भी पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करें! साथ ही उसके पूर्ण अस्तित्व में आने तक उसका देखभाल भी करें, जिससे कि लगाये गये पौधे विकराल स्वरूप धारण कर पर्यावरण संरक्षण का वाहक बनें। अपर जिला एवं सत्र - न्यायाधीश सह प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी न्यायिक पदाधिकारी बढ़ - चढ़कर हिस्सा लेते हैं, परन्तु पहली बार सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए इस बार सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों को भी यह दायित्व सौपा गया है। प्राधिकार सचिव, प्रणव शंकर द्वारा यह भी बताया गया कि पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपन का मुख्य कार्यक्रम जिला एवं सत्र - न्यायाधीश के आवासीय परिसर में किया जायेगा, जिसमें सभी न्यायिक पदाधिकारी के साथ - साथ न्यायिक पदाधिकारी के परिवारों द्वारा भी जिला जज के निर्देश पर वृक्षारोपन कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाया जायेगा।

माननीय, जिला एवं सत्र - न्यायाधीश ने पारा विधिक स्वयं सेवकों को पौधा सौपते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व होना चाहिए! जिला एवं सत्र - न्यायाधीश ने कहा कि पर्यावरण और जीवन का अटूट सम्बन्ध है, और पर्यावरण दिवस मनाकर पर्यावरण के संरक्षरण, संवर्धन और विकास का संकल्प लेने की आवश्य्कता है, तथा यह क्रम लगातार किया जाना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने वृक्ष लगाए हैं, जिसके कारण हमारे आस - पास हरियाली दिखाई दे रहा है, और हमें छाया प्रदान कर रहा है। इस कर्तव्य को पूरा करने का दायित्व प्रत्येक व्यक्ति के उपर हैं, और प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरण के संरक्षण का दायित्व सही से निभाएं, तो शायद हमें कोरोना महामारी जैसे अन्य दूसरी अन्य बीमारियों से सामना नहीं करना पडे़ेगा। साल-दर साल वर्षा का कम होना, भू - जलस्तर कम होना और इसके विपरीत गर्मी के तपन का बढ़ते जाना आदि चींजें सीधे - सीधे इसी पर्यावरण से जुड़ा है।