पदीय शक्ति का दुरूपयोग करना, अब लोक सेवकों को पड़ेगा महंगा

पदीय शक्ति का दुरूपयोग करना, अब लोक सेवकों को पड़ेगा महंगा

पदीय शक्ति का दुरूपयोग करना, अब लोक सेवकों को पड़ेगा महंगा.

अनिल कुमार मिश्र :

औरंगाबाद :  औरंगाबाद जिले के कुटूम्बा प्रखंड़ के धरती पर पदेन थाना के संरक्षण में सोशल एक्टिविस्ट ,विभिन्न राजनीतिक दल के कर्तब्यनिष्ठ नेताओं एवं पत्रकारों तथा इनके परिवार के उपर हो रहे हमले एवं इनके साथ अधिकार हनन की घटित घटनाएं ,रिश्वत के बढ़ते ग्राफ ,अपराध एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनहित में स्थानीय बुद्धिजीवियों ने संज्ञान लिया है और दैनिक समाज जागरण समाचार से वार्ता के क्रम कहा है कि मीडिया के माध्यम से एक बार कुटूम्बा प्रखंड में उद्देश्यों से भटक चुके लोक सेवकों तक जनसंदेश पहुँचाना चाहते हैं कि संबंधित लोक सेवक अपने दायित्व का निर्वहन करें और अपराधियों के बचाव में जनमानस को बर्बाद करने का काम नहीं करें। 

अपराधकर्मियो के संरक्षक थानेदारों को अब खैर नहीं

अनैतिक धनोपार्जन की चाहत में उद्देश्यों से भटक चुके तथा मर्यादाओं को उलंधन करने वाले कुटूम्बा प्रखंड़ के लोक सेवकों को चेतावनी देते हूए बुद्धजीवियों ने कहा हैं कि अपराधकर्मियों के संरक्षक एवं रिश्वतखोर अधिकारी तथा अनैतिक धन अर्जित करने के उद्देश्यों से भटक चुके संबंधित अधिकारी भी कानुन का अनुपालन करने और सुनिश्चित कराने के लिए कुटूम्बा प्रखंड़ के धरती पर पदस्थापित है न कि पदीय शक्ति का दुरूपयो कर अनैतिक धन को अर्जित व उगाही करने के लिए आपका पदस्थापना हैं। आप जनता का सेवक है न की मालिक एवं अपराधकर्मियो का संरक्षक है।

कानून को अपने हाँथों में ले चूके कुटूम्बा प्रखंड़ के लोक सेवकों को अपने दायित्वों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए बुद्धजीवियों ने कहा है कि लोक सेवक,संबंधित अधिकारी, कर्मचारी तथा थानेदार महोदय, पहले लोक सेवको से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 161 to 165A - (लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराधों के विषय में - अध्याय 9 - लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराधों के विषय में ) अच्छी तरह पढ़ लें और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (1988 का 49) की धारा 31 द्वारा निरसित को भी अच्छी तरह अध्यन कर लें। और अपने आचरण में सुधार लायें, वरना जो कानून आप निर्दोष जनता पर लागू करते है वह कानून आप पर भी लागू होता।

कुटूम्बा प्रखंड़ के धरती पर उद्देश्यों से भटक चुके लोक सेवकों के विरुद्ध बुद्धजीवियों नें जो इतिहास रचा है उसे भी भली भाँती अवलोकन करें,10 वर्ष पहले जो इतिहास भ्रष्ट लोकसेवकों के विरूद्ध रचा गया था आज भी रचा जा सकता है किंतु कुटुंबा प्रखंड के बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों एवं पत्रकार ने लोक सेवकों के परिवार के भविष्य को देखते हुए उद्देश्यों से भटक चुके लोक सेवकों को एक एक बार सुधरने का मौका अवश्य देते हैं इसके बाद जो नहीं सुधारते हैं उनको उनका अपना औकात भी बता देते हैं, जिसका ज्वलंत इतिहास दो दर्जनों से अधिक लोक सेवकों, ( कुटूम्बा प्रखंड़ के बीडीओ, सीओ, थाना के अनेको दारोगा तथा क्षेत्रीय दर्जनों कर्मचारी के विरुद्ध न्यायालय में विचारण हेतू लंबित मुकदमा है।