बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम संपन्न 

बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम संपन्न 

अजय कुमार पाण्डेय :

औरंगाबाद: ( बिहार ) जिला परिषद सभागार औरंगाबाद में जिले के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा किया गया, जिसमें बाल संरक्षण सम्बंधी विभिन्न कानूनों में निहित उनके दायित्वों का विधिक जानकारी दी गई. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता, राकेश कुमार झा स्टेट कंसल्टेंट युनीसेफ एस0सी0पी0सी0 पटना ने किया. मंच संचालन संगीत ठाकुर, बाल संरक्षण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण ईकाई औरंगाबाद ने किया. मुख्य अतिथि प्रधान दंडाधिकारी, मसरकारीनीष कुमार पाण्डेय, किशोर न्याय परिषद थे. गोह प्रखंड में एक गोद लेने की घटना पर कहा गया कि किसी भी अनाथ का विधिवत गोद लेना जरूरी है, ताकि उसे सम्पत्ति पर हक मिल सके. कोई भी दम्पत्ति अनाथ को सड़क से गोद न लेकर नियमों से ही गोद ले, और उसका भविष्य सुरक्षित करें. 

कार्यक्रम में कहा गया कि सामान्य अपराध तथा गंभीर अपराधो में बच्चों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करना है. जिन बच्चों को संरक्षण की आवश्यकता है. उन्हें हर हाल में संरक्षित करना चाहिए. बच्चों से सम्बंधित वाद यथा शीघ्र निपटारे के लिए समाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट बोर्ड में प्रथम उपस्थिति के समय में ही प्रस्तुत कर उनके भविष्य सुरक्षित करने में मदद करें. जिन बच्चों को गिरफ्तार कर रहे हो. उसके माता पिता, संरक्षक या परिवीक्षा अधिकारी को तत्काल सूचना दे. 

ये भी देखें कि किसी मेडिकल में बच्चों को नशीली दवा तो नहीं बेची जा रही है. स्कूलों को भी जांच करनी है. संवेदना पुरी तरह बच्चों को साथ रखनी है. बच्चों को जे0जे0बी0 में सदा लिबास में पुलिस को प्रस्तुत करनी है, तो बच्चे काफी डरा हुआ महसूस न करे. अवर पुलिस निरीक्षक, पंकज सैनी एस0बी0आर0 के साथ बालक को प्रस्तुत किया. इसलिए वो बधाई के पात्र हैं. बाल श्रम भी बाल संरक्षण पदाधिकारी को देखना है, क्योंकि पालन के जगह शोषण तो नहीं हो रहा है. किशोर न्याय परिषद में समय पर समाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट और आरोप पत्र दाखिल करें, ताकि न्याय बच्चों के भविष्य के साथ हो सके. बच्चों को थाना में न रखें. आपको मालूम हो कि औरंगाबाद में दिसंबर 2019 मे 569 वाद थे. जो बढ़कर जून 2022 में 804 हो गई है. 

इसलिए चिंतनीय विषय है, जबकि किसी भी जिले में 100 से अधिक केश नहीं रहना चाहिए. अभी आपके जिले में तेजी से किशोर न्याय परिषद का मुकदमा बढ़ता जा रहा है. सन् 2021 में 194 केस आए. वहीं जनवरी से जून 2022 में 234 केस आए चुके हैं. 

इस कार्यक्रम में सुश्री अनीता कुमारी, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण ईकाई, नम वैभव, पुलिस उपाधीक्षक सह समन्वयक विशेष किशोर पुलिस ईकाई, डाक्टर गुलाब देबी, सदस्य बाल कल्याण समिति, अधिवक्ता, विजय कुमार पाण्डेय सदस्य बाल कल्याण समिति, अरूण कुमार सिंह सदस्य किशोर न्याय परिषद, संजू कुमारी सदस्य किशोर न्याय परिषद, शिव लाल मेहता, स्पेशल पी0पी0 पोक्सो एक्ट, श्रीमती कंचन झा, समन्वयक विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, अधिवक्ता, सतीश कुमार स्नेही, प्रियंका सिन्हा , दीपक कुमार सिन्हा, विक्रमादित्य पाल, अवर पुलिस अधिकारी सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे.