औरंगाबाद में बोले जदयू के राष्ट्रीय महासचिव, भगवान सिंह कुशवाहा
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: (बिहार) जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव एवं बिहार - सरकार के पूर्व मंत्री, भगवान सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार दिनांक - 02 जुलाई 2024 को सर्किट हाउस, औरंगाबाद में पहुंचकर एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया. इसी दौरान उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के विशेष दर्जे की मांग से अब पार्टी के बड़े नेता भी कन्नी काट रहे हैं. इसलिए इस विशेष राज्य की दर्जे वाली मांग को जदयू ने भी फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधान पार्षद, भगवान सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में विशेष राज्य की मांग पर कन्नी काटते हुए कहा कि बिहार विभाजन के पहले से पार्टी यह मांग करती रही है. उस वक्त राज्य की परिस्थितियां विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने लायक थी? लेकिन कतिपय कारणों से यह मांग पूरी नही हो सकी? इसके बावजूद भी पार्टी की यह मांग बनी रही. पार्टी आज भी चाह रही हैं, कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले. लेकिन बिहार अभी विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के नीति आयोग के मानक पर फिट नही बैठ रहा है.
हालांकि नीति आयोग में हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह है. अब यदि पार्टी विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर जबरदस्ती करेगी, तो और भी राज्य मानक के विपरीत विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने लगेंगे. उन्हे उम्मीद है कि भविष्य में मानक बदलेंगे, और अनुकूल स्थिति भी आएगी.
इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि अभी जो केंद्रीय बजट में बिहार के 59,000 करोड़ रूपये का विशेष पैकेज मिला है. वह राज्य के केंद्रीय कर के 45% हिस्से के अतिरिक्त राशि है. साथ ही राज्य सरकार ने भी 2024 - 25 के चार माह के अनुपूरक बजट में 47 हजार 512.11 करोड़ का प्रावधान किया है. इन दोनो राशि से राज्य में अधिक से अधिक विकास होगा. विकास की रफ्तार तेज होगी. केंद्र - सरकार ने हमारी मांगे मानी है. इसके लिए हम प्रधानमंत्री, माननीय नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हैं.
इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव ने दावा किया कि अभी तो यह विशेष पैकेज एक झांकी है. 2025 आने दीजिए. केंद्र से इतनी बड़ी राशि बिहार को मिलेगी. जिसकी कल्पना नही कर सकते है. ध्यातव्य हो कि इस आयोजित प्रेसवार्ता में जदयू जिलाध्यक्ष एवं रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व में 10 वर्षों तक लगातार विधायक रह चुके अशोक कुमार सिंह, जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष, विश्वनाथ सिंह, जदयू के मुख्य जिला प्रवक्ता, राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू, जिला उपाध्यक्ष, पप्पू ज्वाला सिंह, जिला उपाध्यक्ष, ओंकार नाथ सिंह, जिला उपाध्यक्ष, सत्येंद्र चंद्रवंशी, जिला उपाध्यक्ष, संजय पटेल, जिला महासचिव, नागेंद्र सिंह, प्रखंड अध्यक्ष दाउदनगर, दीपक पटेल, प्रखंड अध्यक्ष रफीगंज, सुनील वर्मा, प्रखंड अध्यक्ष मदनपुर, प्रवीण कुमार सिंह, प्रखंड अध्यक्ष देव, बृजेश सिंह, प्रखंड अध्यक्ष ओबरा, विनोद पटेल, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष, मंजरी सिंह, जिला महासचिव, संजय राणा सिंह, जिला महासचिव, धर्मेन्द्र वर्मा, बांदरी सिंह, खेल प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष, संजीव शर्मा, जिला महासचिव, अशोक सिंह, जदयू जिला उपाध्यक्ष, जाहिद हसन आजाद, प्रखंड अध्यक्ष औरंगाबाद, राकेश सिंह, जिला कोषाध्यक्ष, उदय कुमार सिंह, बारुण प्रखंड अध्यक्ष, उपेंद्र कुमार, कुटुंबा प्रखंड अध्यक्ष, विजय वर्मा, प्रमोद सिंह, मुकेश पटेल, अजय वर्मा, रामानुज सिंह, नगर अध्यक्ष औरंगाबाद, मोहम्मद मुज्जफर कादरी, महादलित प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष, विजय दास, जदयू के नबीनगर प्रभारी, रंजीत सिंह, जदयू नेता अरविंद कुमार पासवान इत्यादि भी मौजूद थे.
ज्ञात हो कि शुक्रवार दिनांक - 02 अगस्त 2024को सर्किट हाउस, औरंगाबाद में पहुंचकर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधान पार्षद, भगवान सिंह कुशवाहा ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बिहार के विशेष राज्य की दर्जे वाली मांग मुद्दे पर भले ही बयान दिया है, कि अब पार्टी के बड़े नेता भी इस मांग पर कन्नी काट रहे हैं? इसलिए इस विशेष राज्य की दर्जे वाली मांग को जनता दल यूनाइटेड ने भी फिलहाल ठंडे बस्ती में डाल दिया है? लेकिन यहां पर पाठकों को भी बताना अति आवश्यक है कि जब औरंगाबाद में संपन्न लोकसभा चुनाव - 2024 से पूर्व तथा जिला मुख्यालय औरंगाबाद स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 02 के किनारे रतनुआ फील्ड पर 02 मार्च 2024 को देश के माननीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, अजय आलोक ने भाजपा के पूर्व सांसद, सुशील कुमार सिंह के जिला मुख्यालय स्थित आवास पर पहुंचकर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया था? तब उसी वक्त संवाददाता ने उनसे बिहार के विशेष राज्य की दर्जे वाली मांग से संबंधित मुद्दे पर सवाल पूछा था? तब उन्होंने संवाददाता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा था, कि जब से नीति आयोग बना है? तब से विशेष राज्य के दर्जे जैसी कोई बात ही नहीं रह गई है? इसलिए यह संभव नहीं है?