आईआईएम बोधगया ने की स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत "सफाई मित्र सुरक्षा शिविर" की मेजबानी
विश्वनाथ आनंद :
गया (बिहार) : आईआईएम बोधगया ने भारत सरकार के स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) अभियान के हिस्से के रूप में सफलता से एक स्वास्थ्य शिविर "सफाई मित्र सुरक्षा शिविर" की मेजबानी की. शिविर में संस्थान के सफाई मित्र (हाउसकीपिंग स्टाफ) को मुफ्त में आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं, जिससे नॉन-फैकल्टी सदस्यों के साथ ही फैकल्टी और उनके परिवारों सहित कुल 80 प्रतिभागियों को सेवाएं प्रदान की गईं.
कार्यक्रम का संचालन आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता सहाय, संस्थान के प्रमुख सदस्यों: स्टूडेंट अफेयर्स चेयरपर्सन प्रो. श्रीलेखा मिश्रा, प्रगति - सीएसआर कमिटी चेयरपर्सन प्रो. सुरेश के जी, और एसएचएस के नोडल अफसर प्रो. विशाल वानखेड़े द्वारा किया गया. स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) अभियान, स्वच्छ भारत मिशन के तहत आधिकारिक तौर पर 2017 में माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण अभियान है जिसका विषय है स्वभाव स्वच्छता - संस्कार स्वच्छता.
इस अवसर पर चार विशिष्ट डॉक्टरों- एक गयनेकोलॉजिस्ट, एक जनरल फिजिशियन, एक आई स्पेशलिस्ट और एक डेंटिस्ट- सहित 12 चिकित्सा पेशेवरों की एक टीम ने परामर्श प्रदान किया. 51 हाउसकीपिंग स्टाफ, 17 नॉन-फैकल्टी प्रतिभागियों और 12 फैकल्टी सदस्यों और उनके परिवारों को इन सेवाओं से लाभ हुआ. प्रतिभागियों ने पहले रक्तचाप, वजन और ऑक्सीजन स्तर जैसे महत्वपूर्ण संकेतों के लिए पंजीकरण कराते हुए अपनी जांच कराई, उसके बाद रैंडम ब्लड शुगर (आरबीएस) और कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) जैसे प्रयोगशाला परीक्षण किए गए. जिन लोगों को हृदय संबंधी जांच की आवश्यकता थी, उनके लिए ईसीजी आयोजित करने के साथ ही सभी प्रतिभागियों को डॉक्टरों द्वारा निर्धारित दवाएं निःशुल्क प्रदान की गईं.
हाउसकीपिंग स्टाफ ने इस पहल की सराहना की एवं एक स्टाफ सदस्य ने साझा किया, "हम इस तरह की देखभाल और ध्यान पाने के लिए आभारी हैं. डॉक्टर बहुत चौकस थे, उन्होंने दांत में दर्द के बारे में मेरी चिंता सुनी और मुझे दवा दी."
कार्यक्रम में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के लिए आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी सरकारी योजनाओं को बढ़ावा दिया गया. स्वास्थ्य शिविर ने स्वास्थ्य और सामाजिक जिम्मेदारी के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप, अपने समुदाय की भलाई के लिए आईआईएम बोधगया की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.