सिमरा थाना में एक महिला ने लिखित आवेदन देते हुए बैराव पंचायत सरपंच पर गलत नीयत से छेड़खानी करने का लगाया आरोप, प्राथमिकी हुआ दर्ज
A woman filed a written complaint in Simra police station accusing the Barav Panchayat Sarpanch of molesting her with wrong intentions
अजय कुमार पाण्डेय:
औरंगाबाद: ( बिहार ) सिमरा थाना में एक महिला ने बैराव पंचायत सरपंच, संतोष कुमार सिंह पर गलत नीयत से छेड़खानी करने का आरोप लगाकर लिखित आवेदन देते हुए बुधवार दिनांक - 25 सितंबर 2024 को प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसका कांड संख्या - 42 / 24 दर्ज किया गया है. लेकिन दूसरी तरफ जब संवाददाता की मुलाकात बैराव पंचायत सरपंच से शुक्रवार दिनांक - 27 सितंबर 2024 को हुई. तब बातचीत के क्रम में सरपंच ने बयान देते हुए कहा कि जिस महिला ने मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए सिमरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. उसका मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है.
विवादित जमीन के मामले में हम एक साल पहले स्पॉट पर भी गए हुए थे. लेकिन जिसका जमीन है. वह निजी जमीन है. इसी जमीन में महिला रास्ता मांग रही है. उस वक्त निजी जमीन के मालिक से हम लोगों के बीच में ही समझौता भी हुआ था. जिसमें 11, 000 रुपया देने की बात हुई थी. लेकिन जिससे समझौता हुआ था. वह तीन भाई है. उसका कहना था कि हमारे सभी भाइयों की सहमति होगी. तभी ना हम निजी जमीन में रास्ता देंगे. इसलिए फिर बात बिगड़ गई. आपस में भाइयों की संपत्ति नहीं बनी. जिसके वजह से उन लोगों ने अपना निजी जमीन में रास्ता देने से साफ मना कर दिया. और रास्ता देने के लिए तैयार ही नहीं है. तो हम लोग क्या करें.
वही बैराव पंचायत के मुखिया, सिकंदर यादव से भी जब संवाददाता की मुलाकात गुरुवार को ही अपने आवास पर हुई. तब बातचीत के क्रम में स्थानीय मुखिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ीत जिस महिला ने सिमरा थाना में सरपंच के खिलाफ लिखित आवेदन देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है. उसमें हकीकत है कि यह मामला जमीन विवाद से ही जुड़ा हुआ है.
पीड़ित महिला का इन लोगों ने रास्ता एकदम बिल्कुल बंद कर दिया है. पीड़ित महिला का मकान पीछे में बना हुआ है, और अपने घर से गली में निकलने के लिए मात्र एक - डेढ़ फीट का ही रास्ता है. उसी रास्ते से पीड़ित महिला एवं उसके परिजन प्रतिदिन किसी प्रकार दुबक कर निकलते हैं. पीड़ित महिला का इन लोगों द्वारा जबरन रास्ता बंद किए जाने के कारण ही कई जानवर भी घर में ही बांधे हुए मर गया. पीड़ित महिला गरीब है. इसलिए विपक्षी लोग चाह रहे हैं, कि इस महिला को इतना तंग - तबाह कर दो कि औने - पौने दामों में ही हम लोगों को अपना पूरा जमीन - मकान देकर भाग जाए. इसलिए इन सभी लोगों ने मिलकर पीड़ित महिला को जबरदस्ती तो किया ही है. जो घोर अन्याय है. इसके बाद जब संवाददाता ने रविवार दिनांक - 29 सितंबर 2024 की संध्या पश्चात सिमरा थाना प्रभारी के सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क स्थापित कर थाना प्रभारी से बात की.
तब बातचीत के क्रम में थाना प्रभारी ने कहा कि अनुसंधान जारी है. जब - तक अनुसंधान पूरी नहीं हो जाती है. तब - तक इसमें क्या कहा जाए. तब संवाददाता ने थाना प्रभारी से बातचीत के क्रम में ही कहा कि बैराव पंचायत के सरपंच से भी हमारी मुलाकात हुई थी. तब सरपंच ने भी मुझसे हुई बातचीत के क्रम में ब्यान देते हुए कहा है, कि जिस महिला ने मेरे खिलाफ सिमरा थाना में लिखित आवेदन देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है. उसका मामला जमीन विवाद से ही जुड़ा हुआ है. एक साल पहले हम स्पॉट पर भी गए हुए थे.
उस वक्त 11, 000 रूपया में रास्ता देने की बात हुई थी. लेकिन उसका कहना था कि जब हम लोगों के सभी भाइयों में सहमति बनेगी. तभी तो हम अपना निजी जमीन में रास्ता देंगे. फिर उन लोगों के सभी भाइयों में सहमति नहीं बनी थी. जिसकी वजह से अब उन लोग रास्ता देने के लिए बिल्कुल ही तैयार नहीं है. तो इसमें हम क्या करें. वहीं जब मेरी मुलाकात बैराव पंचायत के मुखिया, सिकंदर यादव से भी हुई थी.
तब उन्होंने भी हमसे हुई बातचीत के क्रम में कहा कि यह मामला जमीनी विवाद से ही जुड़ा हुआ है. पीड़ित महिला के साथ 11,000 रुपया में विपक्षी का समझौता भी हुआ था, कि हम लोग अपना निजी जमीन में रास्ता दे देंगे. लेकिन फिर इन लोग रास्ता देने से मुकर गए. जिसकी वजह से पीड़ित महिला का घर में ही कई जानवर बांधे रहने के कारण मर गया. और विपक्षी ने पीड़ित महिला का रास्ता बिल्कुल बंद कर दिया है. इसलिए यह घोर अन्याय तो है ही.
तब फिर सिमरा थाना प्रभारी ने संवाददाता से हुई बातचीत के क्रम में ही कहा कि इस मामले में दो गुट बंटा हुआ है. अभी तो अनुसंधान जारी है. इसलिए जब - तक अनुसंधान पूरी नहीं हो जाती है. तब - तक इस संबंध में क्या कहा जाए. लेकिन जमीन विवाद भी हो सकता है. यदि किसी व्यक्ति का निजी जमीन के कारण भी किसी दूसरे व्यक्ति का रास्ता बंद हो रहा है. तो सरकारी नियम के मुताबिक रास्ता के लिए जो जमीन देना है. उतना जमीन तो देना ही पड़ेगा. अंत में फिर थाना प्रभारी ने संवाददाता से हुई बातचीत के क्रम में कहा कि जमीन विवाद के मामले में हम और सी.ओ. साहब दोनों ने मिलकर एस.डी.ओ. साहब से भी बोले हैं. इस केस में अनुसंधान जारी है. जब - तक इस केस में अनुसंधान पूरी नहीं हो जाती है. तब - तक इसमें क्या कहा जाए.